Bihar Politics: हुकुमदेव नारायण यादव ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने बीजेपी के उन नेताओं पर भी निशाना साधा है, जो दूसरे दलों से आए हैं.
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Bihar Politics: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बिहार की राजनीति गर्म है. नीतीश कुमार की चुप्पी को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटी मार सकते हैं. राजद सुप्रीमो लालू यादव की ओर से भी उनको ऑफर दिया जा रहा है. वहीं मुख्यमंत्री की खामोशी के बीच बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने बड़ा बयान दिया है. एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में बिहार की मौजूदा राजनीति को लेकर बीजेपी नेता ने कहा कि अब आने वाले समय में लोग वोट देंगे. 60 से 70 परसेंट युवा लोग वोट करेंगे. हमारी पीढ़ी के लोग तो अब ज्यादा बचे नहीं हैं. पूर्व सांसद ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि जो नई पीढ़ी के लोग हैं, चाहे वे किसी भी जाति को हों. वे आने वाले चुनाव के लिए आत्मचिंतन करें, आत्म विश्लेषण करें, आत्म शोधन करें और अपनी आत्मा के प्रकाश में खोजें कि उनको कैसा बिहार बनाना.
उन्होंने आगे कहा कि इस बिहार ने कांग्रेस के राज के कट्टर जातिवाद को भी देखा. कट्टर पिछड़ावाद को भी देखा और फिर 18 साल से नीतीश के राज को देखा. इसमें पिछड़ावाद है या सवर्णवाद है. हिंदूवाद है या मुस्लिमवाद है. सामंतवाद है या साम्यवाद है. पूंजीवाद है या समाजवाद है. मैं खुद नहीं इस 18 बरस में नहीं समझ पा रहा हूं. बिहार में एक सर्वे हो रहा था. 6 महीने से समय बढ़ते-बढ़ते अब मार्च में होगा, क्यों? बीजेपी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में अच्छे काम भी हुए हैं. शिक्षा के क्षेत्र में हुआ, लड़कियों की शिक्षा के लिए हुआ, उनको ड्रेस दी गई, उनको सुविधा दी गई, शराबबंदी की गई. लेकिन विकास के और भी काम हैं. रोटी-कपड़ा और मकान, मांग रहा है हिंदुस्तान. इस सब पर सोचना चाहिए था. किसानों की हालत खराब हुई है. उनको देखने वाला कोई नहीं है. राजस्व के मामले में कोई खाता-बही है नहीं. बिहार में राज कौन चला रहा है, पता नहीं चलता. मैं लिखता रहता हूं.
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2025 में फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि डॉ. लोहिया कहते थे- जिंदा कौम 5 साल इंतजार नहीं करती है. 20 साल तो देखा लोगों ने. इसका मूल्यांकन कौन करेगा. एक पक्ष तो सिर्फ लालू का जंगलराज ही रटता रहता है. जंगलराज तो 2005 में चला गया था. उस समय जो लड़का 5-10 साल का था, उसने तो लालू का जंगलराज देखा ही नहीं. जिसने देखा ही नहीं उसे क्या सुना रहे हो. आज जो युवा है उसने नीतीश कुमार राज देखा. उसने लालू यादव के समय में जंगलराज था या मंगलराज था, उसने देखा ही नहीं. उन्होंने युवाओं से कहा कि वो लोग नेताओं के आचरण को देखें. जो लोग लालू के अंधभक्त थे, वो भाजपा में आकर लालू के अंध विरोधी होकर लाठी चला रहे हैं. तेजस्वी को लेकर हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि लालू के हथियार से लड़ते रहेंगे तो वही गति होगी, जो लालू की हुई. तेजस्वी अपने को रूपांतरित करें.