Shimla News: हिमाचल प्रदेश से दूसरे राज्यों में इमारती लकड़ी और ईंधन की लकड़ी की चोरी पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं. राज्य सरकार ने आम और पांच अन्य प्रजातियों के पेड़ों के काटने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है. 



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सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ट्वीट करते हुए बताया कि, आम, त्रियाम्बल (फिकस प्रजाति), तून (टूना सिलियाटा), पदम या पज्जा (प्रूनस सेरासस), रीठा (सैपिंडस मुकोरोसी) और बान (क्वेरकस ल्यूकोट्रिचोफोरा) की कटाई पर प्रतिबंध लगाया गया है. सीएम ने प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि इन छह प्रजातियों की लकड़ी और ईंधन की लकड़ी के राज्य से बाहर निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. 


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जानकारी के अनुसार, उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य अवैध व्यापार पर अंकुश लगाना और क्षेत्र के मूल्यवान संसाधनों को संरक्षित करना है. यानी की साफ शब्दों में कहे तो सीएम अपने इन पेड़ों की लकड़ियों को किसी को चुराने की अनुमति नहीं देते हैं. 


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मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि नए नियमों के तहत, इन सभी छह प्रजातियों को दस साल के कटाई कार्यक्रम के तहत लाया गया है. उन्होंने कहा कि इनमें से किसी भी प्रजाति के किसी भी पेड़ को वन विभाग की अनुमति के बिना नहीं काटा जा सकता है. साथ ही कहा कि घरेलू उद्देश्यों के लिए एक वर्ष में अधिकतम पांच पेड़ों की कटाई की अनुमति दी जाएगी.


जानकारी के अनुसार, सीएम ने कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय से वनों के अवैध कटान की रोकथाम होगी. साथ ही राज्य की जैव विविधता को बचाने में भी मदद मिलेगी.