हिमाचल हाईकोर्ट ने विधायकों के आपराधिक मामले वापस लेने की दी मंजूरी, CM सुक्खू समेत इन नेताओं को राहत
Himachal Pradesh News: हिमाचल हाई कोर्ट ने प्रदेश की सुक्खू सरकार को 15 माननीयों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की इजाजत दे दी है. इसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का नाम भी शामिल है. इन 15 राजनेताओं के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में प्राथमिकियां दर्ज हैं और कोर्ट में ट्रायल लंबित हैं.
समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को 15 माननीयों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की इजाजत दे दी है. इन माननीयों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, विधायक कुलदीप सिंह राठौर, राकेश सिंघा, हरीश जनारथा, लोकेंद्र कुमार, रवि ठाकुर, जैनव चंदेल, जितेंद्र चौधरी, राजन सुशांत, मनीष ठाकुर, रजनी पाटिल, गुरप्रीत, तिलक राज और विजय अग्निहोत्री का नाम शामिल है.
इन राजनेताओं के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में प्राथमिकियां दर्ज हैं और कोर्ट में ट्रायल लंबित हैं. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार द्वारा माननीय विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने से जुड़े आवेदन को आंशिक रूप से स्वीकारते हुए कहा कि सरकार ने आवेदन नेकनीयती से दायर किया है. बता दें, प्रदेश के गृह विभाग ने कोर्ट से माननीयों के खिलाफ ऐसे 65 अभियोगों को वापिस लेने की अनुमति मांगी थी जो सरकार के अनुसार, माननीयों के खिलाफ राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज किए गए थे..
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किसके खिलाफ कितने मामले दर्ज
कोर्ट ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ दर्ज 3, मुकेश अग्निहोत्री का 1, विक्रमादित्य सिंह के 3, अनिरुद्ध सिंह के 2, कुलदीप सिंह राठौर के 6, राकेश सिंघा के 26, जितेंद्र चौधरी के 4 ,भुवनेश्वर गौड के 4, लोकिंदर कुमार के 3, अजय सोलंकी के 2 और राजन सुशांत, हरीश जनारथा, मनीष ठाकुर, रजनी पाटिल, जगत सिंह नेगी, निखिल कुमार, सतपाल रायजादा, मनोज कुमार, सुदर्शन, तिलक राज, राजेश धर्माणी, विजय अग्निहोत्री, नसीर रावत, विक्रम जरयाल, अभिमन्यु जरयाल, कुश कुमार, नीरज भारती, राकेश पठानिया, राजीव राणा, विपिन परमार, परवीन शर्मा, नरेंद्र कुमार, लोकेंद्र कुमार, मीरा ठाकुर, राम कृष्ण शांडिल, जानव चंदेल, रवि ठाकुर के खिलाफ दर्ज एक-एक मामले को वापिस लेने की अनुमति मांगी थी.
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सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अनुपालना करते हुए हाईकोर्ट ने विशेष अदालतों का गठन किया है और आदेश दिए हैं कि वर्तमान और पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों को शीघ्रता से निपटाया जाए.
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