Himachal Monsoon: हिमाचल प्रदेश में बरसात आपदा बनकर प्रदेश में दस्तक दी है. प्रदेश में जिस कदर आपदा ने कहर बरपाया है. दशकों बाद ऐसा मंजर प्रदेश ने देखा है. बीते कुछ दिनों से लगातार राज्य के कई जिलों में बारिश, बाढ़ जैसे हालात है.  


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वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने हिमाचल में आई इस आपदा पर कहा कि प्रदेश में ऐसी आपदा है कि ये सरकार के आगे एक बड़ी चुनौती बन गई है. उन्होंने कहा कि सत्ता में आए हुए अभी कम समय हुआ है, लेकिन इस कम समय में ही सरकार के सामने कठिन चुनौतियां है.  सत्ता में आते ही कर्ज के बोझ के तले दबा कर पिछली सरकार छोड़ गई और अभी आपदा ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़कर रख दी है. 


जगत सिंह नेगी ने कहा कि हम अब प्रयास कर रहे हैं कि जल्द से जल्द प्रदेश में हालातों को समान्य किया जाए.  हालांकि हमें भी पता है कि प्रदेश में किस कदर नुकसान हुआ है.  लोगों के घर मलबे में दब गए.  सड़कें आधे से ज्यादा क्षतिग्रस्त हुई हैं . कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है.  करोड़ों की संपत्ति का नुकसान तो हो ही रहा है. बिजली, पानी, नेटवर्क, खाने की कई दिक्कतें आ रही हैं.   


प्रदेश के लोग इस आपदा से काफी प्रभावित हुए हैं.  लोगों ने मेहनत से अपने घर आशियानों की तरह संजोकर रखे होते हैं.  सरकार भी उस हद तक मदद लोगों की नहीं कर पाती है, लेकिन प्रदेश की परिस्थितियों को सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है. सरकार के आगे भले ही पहाड़ बराबर मुसीबतें हो, लेकिन हम भी चट्टान की तरह खड़े रहेंगे.  प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अगले कुछ सालों में अपने संसाधन को जुटा कर हम जरूर पटरी पर लाएंगे. 


वहीं, डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस ने इस दौरान बेहतरीन काम किया है.  हिमाचल प्रदेश पुलिस ने आपदा से जहां लोगों को रेस्क्यू किया तो, वहीं उनका मनोबल बढ़ाना खाद्य सामग्री उन तक पहुंचाना, दवाइयां मुहैया कराना. यह तमाम कोशिशें हैं, जो हिमाचल प्रदेश पुलिस ने की है. 


उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस ने हमेशा ही सर ऊंचा करने वाला कार्य किया है और इस बार भी बेहतरीन कार्य किया गया है.  संजय कुंडू ने कहा कि हमें आपदा से निपटने में तैयारियों के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जाने की जरूरत है.  जहां हम आपदा से कैसे बचें.  हालांकि कुदरत का कहर यूं बरसता है जिसे रोकना मुश्किल है. 


उन्होंने बताया कि इस दौरान पुलिस हेड क्वार्टर में वार रूम स्थापित किया गया था. बाहर से जो लोग कांटेक्ट कर रहे थे उन्हें उनके परिजनों तक सूचनाएं पहुंचाई जा रही थी. हमें आपदा से निपटने के लिए जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन सिक्योरिटी इक्विपमेंट्स के साथ. एक सेंटर स्थापित करना चाहिए, जिससे  तुरंत आपदा आने पर एक्शन में आया जा सके. 


उन्होंने कहा कि अपने जीवन में ऐसा मंजर 1995 के बाद अभी देखा है. ऐसी आपदा हिमाचल में कई सालों बाद आई है. जिसने कहर बरपाया है. ऐसे में  हिमाचल प्रदेश के जवानों ने बेहतरीन कार्य कर मिसाल पेश की है.