Himachal Pradesh में ऑपरेशन लोटस व कांग्रेस के छह बागी विधायकों के साथ लेनदेन का गरमाया मुद्दा
Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के छह बागी विधायकों सहित ऑपरेशन लोटस मामले में लेनदेन को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. बिलासपुर से पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने ऑपरेशन लोटस के तहत चौपर बुकिंग मामले पर एसआईटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा विधायक की संलिप्तता का आरोप लगाया है.
विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए गए ऑपरेशन लोटस व कांग्रेस के छह बागी विधायकों के साथ लेनदेन के लगे आरोपों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है. बिलासपुर से पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता बंबर ठाकुर ने एसआईटी की जांच का हवाला देते हुए क्रॉस वोटिंग करने वाले तत्कालीन विधायकों की हेलीकॉप्टर यात्रा के संबंध में कंपनी अधिकारी से पूछताछ में भाजपा के एक विधायक के कहने पर हेलीकॉप्टर की बुकिंग की बात कहते हुए भाजपा विधायक पर निशाना साधा है.
सर्किट हाउस बिलासपुर में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहा, एसआईटी की जांच रिपोर्ट से साफ हो गया है कि हेलीकॉप्टर बुकिंग के पीछे जिस भाजपा विधायक का हाथ है वह बिलासपुर जिला से संबंधित हैं. वहीं बंबर ठाकुर ने बिलासपुर विधायक त्रिलोक जमवाल पर निशाना साधते हर कहा कि कांग्रेस के छह बागी विधायकों के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग से लेकर टैक्सी बिल व खाने पीने का अरेंजमेंट करने में इनका हाथ है, इसलिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए. इसके साथ ही बंबर ठाकुर ने विधानसभा अध्यक्ष से अपील करते हुए कहा, कि लेनदेन मामले में जब कांग्रेस के छह बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की जा सकती है तो भाजपा विधायक की भी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.
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वहीं बंबर ठाकुर के आरोपों पर पलटवार करते हुए बिलासपुर सदर विधायक त्रिलोक जमवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार और उसके बाद सरकार में कोई ओहदा नहीं मिलने से पूर्व विधायक पर बौखलाहट तो पहले ही हावी थी, लेकिन बिलासपुर में हुई गोलीकांड की घटना में अपने बेटे के जेल की सलाखों के पीछे जाने से उनकी मनोदशा भी बिगड़ गई और रही सही कसर कांग्रेस संगठन में पदविहीन हो जाने और उनकी अवैध व बेनामी संपत्तियों का खुलासा होने से पूरी हो गई है.
इसके साथ ही त्रिलोक जमवाल ने कहा कि पूर्व विधायक को कुछ और नहीं सूझा तो वह उन पर किसी तथाकथित लेनदेन में संलिप्तता के झूठे आरोप लगा रहे हैं. प्रदेश में उन्हीं की पार्टी की सरकार है. सरकार जब चाहे इसकी जांच करवा सकती है. उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि पूर्व विधायक तथ्यों के साथ बात करते हुए अपने आरोप साबित करें.
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उन्होंने उनके खिलाफ किसी मीडिया रिपोर्ट का हवाला भी दिया है, जिससे संबंधित मीडिया संस्थान को भी इस बारे प्रमाण देने चाहिए. त्रिलोक जमवाल ने कहा कि झूठे आरोपों से उनकी छवि बिगाड़ने का प्रयास करने वालों के खिलाफ कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व विधायक की मनोदशा को देखते हुए एम्स अस्पताल में उनका ईलाज करवाने की नसीहत भी पूर्व विधायक के परिजनों को दी है.
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