संदीप सिंह/शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हिस्सा लिया. इस बैठक में देश के गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बैठक में हिमाचल प्रदेश का अधिकार मांगा है. गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शानन प्रोजेक्ट की लीज मार्च 2024 में खत्म हो रही है. ऐसे में उन्होंने मांग की है कि जल्द ही लीज खत्म होने के बाद इस प्रोजेक्ट को वापस दिया जाए. 


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उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने देश के गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान से बात की है. इस संदर्भ में भारत सरकार को फैसला करना है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में बीबीएमबी प्रोजेक्ट में हिमाचल प्रदेश का एक परमानेंट मेंबर नियुक्त करने के लिए कहा है. मौजूदा वक्त में बीबीएमबी में पंजाब और हरियाणा का परमानेंट मेंबर है. हिमाचल प्रदेश में भी रोटेशन के आधार पर परमानेंट मेंबर की नियुक्ति की मांग की गई है.


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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने जम्मू कश्मीर और लेह के लेफ्टिनेंट गवर्नर से भी बात की है. बातचीत के दौरान उन्होंने सीमा में अतिक्रमण का मसला उठाया. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की सीमा से कुछ लोग चंबा के चुराह में आकर कब्जा करने की कोशिश करते हैं. ऐसे में यहां मैपिंग होना जरूरी है ताकि इस तरह की गतिविधियों को रोका जा सके. उन्होंने बताया कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों ने इस संदर्भ में अपने अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. 


सीएम सुक्खू ने बताया कि पूर्व सरकार के दौरान लूहरी और सुन्नी प्रोजेक्ट को सतलुज जल विद्युत निगम को आजीवन के लिए दे दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस बैठक में कहा है कि जिस तरह हर प्रोजेक्ट में हिमाचल प्रदेश को 12 फीसदी रॉयल्टी मिल रही है, इस प्रोजेक्ट में भी यह रॉयल्टी दी जाए. इसके अलावा 40 साल बाद यह प्रोजेक्ट वापस हिमाचल को मिले, ताकि आने वाले पीढ़ी के लिए इसे इस्तेमाल में लाया जा सके.


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बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल में आई आपदा के बाद विशेष राहत पैकेज की भी मांग उठाई. सरकार ने केंद्र से मांग की है कि हिमाचल प्रदेश को 12 हजार करोड़ का आर्थिक पैकेज दिया जाए. अगर सरकार यह पैकेज नहीं दे सकती, तो कम से कम हिमाचल प्रदेश का हक वाला धन तो प्रदेश को देना ही चाहिए.


उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम तीसरी बार हिमाचल प्रदेश दौरे पर आई है. भले ही केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश को कोई विशेष राहत पैकेज न दे, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार अपने संसाधनों पर हिमाचल की जनता को राहत पहुंचाने के लिए एक विशेष पैकेज लाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार विभिन्न कटौती पर विचार कर रही है.


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