संदीप सिंह/शिमला: देशभर में 26 नवंबर को यानी आज संविधान दिवस मनाया गया. इस मौके पर शिमला में कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल समेत कई अन्य गणमान्य लोग भी मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे. इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संविधान दिवस को अब से राज्य स्तरीय करने की भी घोषणा की.


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आज ही के दिन पूरा हुआ था लोकतंत्र का सपना  
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जिस लोकतंत्र का सपना देखा था आज ही के दिन वो साकार हुआ था. देश में आजादी से पहले कोई भी लोकतंत्र नहीं था. ऐसे में जब देश का शासन चलाने के लिए संविधान सभा का गठन किया गया तो कानून मंत्री के रूप में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने इसकी कमान संभाली और संविधान सभा के अध्यक्ष बने. 


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पहले से ही है विधायकों के मताधिकार का प्रावधान 
उन्होंने अपने समय की परिस्थितियों को देखते हुए देश की विभिन्न जाति, धर्म और सभ्यताओं को एक समान अधिकार देने का अधिकार संविधान में दिया. मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस मौके पर संविधान दिवस पर राजकीय कार्यक्रम आयोजित करने की भी घोषणा की. विधायकों को नगर निगम चुनाव में मत का अधिकार देने को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नगर निगम के नियमों में विधायकों के मताधिकार का प्रावधान पहले से ही मौजूद है. यह विधायकों पर निर्भर करता है कि वह अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें या नही.


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वहीं, हिमाचल प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता व सुलह से विधायक विपिन सिंह परमार ने धर्मशाला में एक प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार नगर निगम के मेयर डिप्टी मेयर चुनाव में विधायक की वोटिंग राइट व्यवस्था के खिलाफ हैं. सरकार ने यह निर्णय वापिस नहीं लिया तो भाजपा कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. 


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