Himachal Pradesh News: सेवानिवृत्ति की मांग को लेकर प्रदेश सचिवालय के सामने धरने पर बैठे कोरोना वॉरियर्स
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में कोरोना वॉरियर्स को अपनी रोजी-रोटी की चिंता सता रही है. कोरोना काल में कार्य करने वाले ये वॉरियर्स सेवानिवृत्ति की मांग को लेकर लगातार प्रदेश सचिवालय के सामने धरने पर बैठे हैं.
समीक्षा कुमारी/शिमला: शनिवार को दूसरे दिन भी खराब मौसम के बावजूद कोविड काल में सेवा देने वाले कोविड वॉरियर्स सेवानिवृत्ति की मांग को लेकर प्रदेश सचिवालय के सामने धरने पर डटे रहे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से सेवा विस्तार की गारंटी को लेकर शुक्रवार को सैंकड़ों की तादाद में कोविड वॉरियर्स ने सचिवालय मार्च किया, लेकिन सेवाविस्तार की मांग पूरी न होने पर आज शनिवार को भी धरना जारी रहा. शनिवार सुबह धरने पर बैठीं महिलाओं की तबियत बिगड़ जाने के कारण उन्हें IGMC भर्ती किया गया.
कोविड वॉरियर्स का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता उनका प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा. उन्हें सरकार से उम्मीद है कि उनकी मांगें जरूरी पूरी की जाएंगी. सुक्खू सरकार ने कोविड वॉरियर्स को 30 सितंबर तक सेवा विस्तार दिया था. इनका सेवा विस्तार 30 सितंबर पूरा हो रहा है. पूर्व सरकार ने कोरोना काल के दौरान आउटसोर्स के जरिए इन कर्मचारियों को स्वस्थ विभाग के आधीन भर्ती किया गया था. पूरे प्रदेश में लगभग 35,000 कर्मचारी आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं, जिसमें 1800 के करीब स्वास्थ्य विभाग में कोविड वॉरियर के तौर पर काम कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें- हिमाचल में बाढ़ प्रभावित लोगों को दिए जाएंगे नए मकान, किसानों का माफ हो सकता है लोन
कोविड वॉरियर ने कहा कि कोरोना काल के दौरान दिसंबर 2020 में उनकी जॉइनिंग हुई थी. इसके बाद से वे निरंतर सेवाएं दे रहे हैं. कोरोना वायरस का प्रकोप कम हो जाने के बाद भी विभिन्न विभागों में सेवाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि 30 जून 2023 को हमारी सेवाएं समाप्त कर दी गईं. अब इतने लंबे समय कार्य करने के बाद वह कहां जाएं.
उन्होंने कहा कि 25 अगस्त को उन्हें कहा जाता है कि 30 सितंबर को उनकी सेवाएं समाप्त हो रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अब उनकी मांगें पूरी करे और यह सरकार पर निर्भर है कि उन्हें कहां समायोजित किया जाए. वहीं अन्य कोविड वारियर्स ने कहा कि उनके घर का खर्चा यहीं से चलता है. अब वह कहां जाएं जबकि घर में और कोई आमदन का सहारा भी नहीं है.
ये भी पढे़ं- Himachal विधानसभा स्पीकर कुलदीप पठानिया ने जोह संधानी पुल को पक्का बनाने की कही बात
कोविड वारियर्स ने कहा कि वह इतने लंबे समय से सेवाएं दे रहे हैं और अब सरकार उनकी उनके भविष्य की चिंता न करते हुए सेवाएं समाप्त कर रही है. उन्हें सरकार से उम्मीद है कि सरकार उनके लिए कुछ करेगी. उन्होंने सुक्खू सरकार से उम्मीद जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार उन्हें सेवा विस्तार दे और कोविड वॉरियर्स के लिए एक पॉलिसी भी बनाएं.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के मुश्किल समय में उन्होंने सेवाएं दी हैं, जब ज्यादातर लोगों में डर का माहौल था. वे अभी भी स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न स्तरों पर कम कर रहे हैं, लेकिन पिछले करीब 3 महीने से उन्हें वेतन भी नहीं मिला है और आगे भी नौकरी रहने की कोई उम्मीद नहीं है.
WATCH LIVE TV