राकेश मल्ही/ऊना: हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में अब अवैध खनन करने वालों के खिलाफ प्रदेश सरकार और ज्यादा सख्त कदम उठाने जा रही है. प्रदेश में अब अवैध खनन करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी. दोषियों से जुर्माना वसूलने के अलावा पर्यावरण मुआवजे की वसूली की जाएगी. इसके बाद ही उनके वाहनों को छोड़ा जाएगा. 


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जिला प्रशासन ने इसे लेकर एक बैठक कर आदेश जारी किए जाने की बात कही है. वहीं, मीडिया से बातचीत करते हुए उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि पर्यावरण मुआवजे की वसूली के लिए उपमंडल स्तर पर एसडीएम को अधिकृत किया गया है. उन्होंने पुलिस, खनन व वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अवैध खनन के मामले पाए जाने पर जुर्माना वसूली के साथ ही संबंधित वाहन के कागज व ड्राइविंग लाइसेंस एसडीएम को दे दिया जाएगा ताकि अवैध खनन से संबंधित जुर्माने के अलावा दोषियों से पर्यावरण मुआवजा भी वसूला जा सके.


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उन्होंने बताया कि सरकारी अनुदान से खरीदी गई जेसीबी मशीन और वाहन अगर अवैध खनन में पाया जाता है तो ऐसे मशीन व वाहन मालिकों से अनुदान की वसूली की जाएगी. इसके साथ ही कहा कि पुलों के नजदीक 200 मीटर ऊपर व 500 मीटर नीचे की ओर खनन पर पूर्ण प्रतिबंध है. उन्होंने लोक निर्माण विभाग व खनन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी नदियों व खंडों पर बने पुलों के दोनों ओर पिलर के माध्यम से चिन्हित करें और हर पल इस पर निगरानी रखें ताकि कोई भी व्यक्ति पुलों के आसपास खनन न कर सके


राघव शर्मा ने कहा कि किसी भी जगह पुलों के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन पाए जाने पर लोक निर्माण विभाग द्वारा पास ही के पुलिस थाने में तुरंत एफआईआर दर्ज करवाई जाए. अगर इस प्रतिबंधित क्षेत्र के अंतर्गत कोई खनन की लीज माइनिंग विभाग द्वारा दी गई है तो माइनिंग अधिकारी तुरंत उसकी समीक्षा करेंगे और प्रतिबंधित क्षेत्र को विभाग द्वारा लीज से निकाला जाए. 


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इसके साथ ही कहा कि किसी भी स्थान पर स्वां नदी और सहायक खड्डों के तटीकरण को नुकसान होने/पाए जाने की स्थिति में स्वां बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा निकटतम पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की जाए. स्वां नदी और सहायक खड्डों के दोनों तटों से नदी/खड्ड के 75 मीटर अंदर की ओर के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है. 


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