Himachal Pradesh के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बताया प्रदेश से कैसे खत्म किया जा सकता है नशे का जाल
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल शनिवार को हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के पांचवें दीक्षांत समारोह में पहुंचे. यहां पहुंचने पर उन्होंने कहा, हिमाचल प्रदेश में नशे के जाल को खत्म करने के लिए सबसे पहले नशे की डिमांड को खत्म करना होगा.
अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सभागार में आयोजित किया गया. इस समारोह की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ल ने की. नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल समारोह के मुख्य अतिथि और हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, आवास और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. समारोह में विधायक सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, एनआईटी हमीरपुर के निदेशक सूर्यवंशी सहित यूनिवर्सिटी के विधान परिषद के सदस्य मौजूद रहे. दीक्षांत समारोह में शैक्षणिक सत्र में पास हुए 4801 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई.
नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल ने छात्रों से आह्वान किया, कि प्रधानमंत्री के 2027 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि अपनी योग्यता का इस्तेमाल देश को विश्व में एक अलग पहचान दिलवाने में करें. इसके साथ ही कहा कि वर्तमान में हिमाचल टेक्निकल यूनिवर्सिटी एनआईआरएफ रैंकिंग में सुधार लाने की जरूरत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले 10 वर्षो में यूनिवर्सिटी देश में टॉप 200 यूनिवर्सिटी में अपना नाम दर्ज करवाएगी.
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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा, हिमाचल में अगर नशे के जाल को खत्म करना है तो इसके लिए सबसे पहले नशे की डिमांड को खत्म करना पड़ेगा. इसी रास्ते से तस्करों को रोकने का काम भी हो पाएगा. हिमाचल में नशे को लेकर एक जन आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है, जो गांव-गांव में इसके लिए काम करे.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सिर्फ एक शिक्षा नीति ही नहीं है, बल्कि यह सामाजिक मूल्यों के रूप में भी काम करेगी. भारत पहले ही अपने सामाजिक मूल्यों के लिए दुनिया में जाना जाता है. विश्व गुरु के रूप में इसकी कल्पना भी इसे देखकर ही की गई है. भारत की शिक्षा नीति इसे विश्व गुरु बनाने में पूरी तरह से सक्षम है.
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