संदीप सिंह/शिमला: कारोबारी निशांत को धमकाने और शिकायत पर संतोषजनक कार्रवाई न करने के आरोपों से घिरे पूर्व डीजपी संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री को एक और झटका लगा है. हाईकोर्ट ने दोनों की रिकॉल एप्लिकेशन खारिज कर दी है, वहीं चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस ज्योत्सना रेवाल दुआ की बैंच ने मंगलवार को अपनी जजमेंट सुनाते हुए इस मामले की जांच के लिए पुलिस एसआईटी गठित करने को कहा है. आईजी से कम रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में गठन नहीं होगा. कोर्ट के आदेशों पर एसआईटी को 28 फरवरी तक स्टेट्स रिपोर्ट अदालत में देनी है.


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बता दें, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, डीजीपी के साथ-साथ एसपी कांगड़ा ने भी हाईकोर्ट में रिकॉल एप्लिकेशन दी थी. इसमें कोर्ट के 26 दिसंबर के आदेशानुसार, ट्रांसफर पर स्टे लगाने की गुहार लगाई गई थी. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दोनों अधिकारियों का पक्ष सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर दिया था. डबल बैंच ने आज फैसला सुना दिया है. निशांत शर्मा ने 28 अक्टूबर 2023 को हिमाचल पुलिस को शिकायत देकर अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा बताया था.


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निशांत के अनुसार, उन पर 25 अगस्त 2023 को गुरुग्राम में हमला हुआ, जिसमें वह खुद और उनका ढाई साल का बेटा घायल हो गया. इस हमले की सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है, जिसकी जांच हरियाणा पुलिस कर रही है. निशांत के मुताबिक इस हमले के तार हिमाचल से जुड़े हैं. गुरुग्राम में हुए हमले के 2 महीने बाद 27 अक्टूबर 2023 को धर्मशाला के भागसूनाग में कुछ लोगों ने उनका रास्ता रोककर धमकी दी. इस धमकी के अगले ही दिन, 28 अक्टूबर को उन्होंने कांगड़ा पुलिस को शिकायत दे दी, लेकिन 3 हफ्ते तक पुलिस ने एफआईआर ही दर्ज नहीं की.


इसके बाद निशांत शर्मा ने हाईकोर्ट को भेजी गई ईमेल में कहा कि उन्हें और उनके परिवार को जान का खतरा है. उन पर हरियाणा के गुरुग्राम के साथ-साथ मैक्लोडगंज में भी हमला हो चुका है. निशांत शर्मा ने इस आधार पर कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी कि उसे प्रभावशाली लोगों से सुरक्षा की जरूरत है. हाईकोर्ट ने इस ईमेल पर संज्ञान लेते हुए कांगड़ा और शिमला जिलों के एसपी से रिपोर्ट मांग ली. 


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डीजीपी संजय कुंडू ने भी निशांत शर्मा पर उनका नाम घसीटकर उन्हें बदनाम करने और उनकी छवि खराब करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए छोटा शिमला पुलिस थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. इसमें निशांत शर्मा पर आरोप लगाा कि उन्होंने डीजीपी समेत अन्य अफसरों को जो शिकायत-पत्र लिखे, उनमें अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया. 


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