ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: सिरमौर जिले के धारटीधार क्षेत्र के क्यारी, डाडवा और काइला गांव के स्कूल जाते बच्चों की रौंगटे खड़े करने वाली वीडियो सामने आई है. गांव के बच्चे बेहद सकरी और तीखी ढलानदार पगडंडी सड़क से स्कूल की ओर जा रहे हैं. यहां एक तरफ खड़ी पहाड़ी है और दूसरी तरफ गहरी नदी. महज 1 फुट से भी कम चौड़े इस रास्ते पर अगर पैर फिसला तो कोई भी सीधे नदी में जा गिरेगा, लेकिन बच्चों की मजबूरी है कि इन्हें इसी रास्ते पर चलकर स्कूल जाना पड़ता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बच्चे रोज अपनी जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से मौत को छूकर स्कूल जाते हैं. जान हथेली पर रखकर स्कूल जाते बच्चों की तस्वीरों को देखकर हर कोई हैरान है, लेकिन शासन प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगती है. जब से छछेती क्षेत्र में स्कूल खुले हैं, तब से क्यारी, डाडवा और काइला गांव के बच्चे बरसात के दिनों में ऐसे ही मौत से लड़कर पढ़ने के लिए इसी तरह स्कूल पहुंचते हैं. 


य़ै भी पढे़ं- Himachal Pradesh के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने BJP से किया सवाल


इन बच्चों को गांव से कई किलोमीटर दूर षड्यार और कुरलाखरग पहुंचना पड़ता है, लेकिन जिम्मेदारों की संवेदनहीनता देखिए कि दशकों बीत जाने के बाद भी यहां सड़क तो छोड़िए पैदल चलने लायक एक रास्ता भी नहीं है. 


स्थानीय लोगों का कहना है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग और आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग के दौर में बच्चे आज भी जान हथेली पर रखकर स्कूल जा रहे हैं. चंद्र चंद्रयान 3 की सफलता के बाद, आदित्य एल-1 की सफलता की भी उम्मीद की जा रही है, लेकिन गांव के बच्चों को स्कूल जाने का रास्ता कब मिल पाएगा. लोगों ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि बच्चों को स्कूल जाने के लिए सुरक्षित रास्ता कब तक मिलेगा.


ये भी पढे़ं- Aditya L1 Launch: ISRO ने लॉन्च किया सूर्य मिशन आदित्‍य एल-1, जानें क्या है इसका वजन


यहां सड़क बनाने का मामला पिछले कई वर्षों से फाइलों में दबा पड़ा है. हालांकि रास्ते की योजनाएं हर बार बनती हैं और निरस्त हो जाती हैं. अब जरा क्षेत्र के लोगों की विडंबना देखिए कई पीढ़ियां गुजर गईं, लेकिन हालात नहीं बदल पाए हैं. हर बरसात में बच्चों के स्कूल का यह मुद्दा सतह पर आता है. कुछ नेता और अधिकारी क्षेत्र का दौरा भी करते हैं, लेकिन बरसात बीतने के बाद बात भी आई गई हो जाती है. स्कूल जाने वाले बच्चों को अगली बरसात में फिर मौत से जूझने के लिए छोड़ दिया जाता है.


WATCH LIVE TV