विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के संजौली व मंडी में मस्जिद अवैध निर्माण और प्रदेश में अन्य राज्यों से आए प्रवासियों को लेकर चल रहे विवाद के बीच जामा मस्जिद कमेटी घुमारवीं के पदाधिकारियों द्वारा इन प्रवासी लोगों को किसी भी प्रकार का समर्थन प्रदान करने से साफ इंकार किया गया है. जी हां, जामा मस्जिद कमेटी के प्रधान रफीक मोहम्मद व उपप्रधान डॉ. कर्मदीन ने कहा कि प्रदेश में आने वाले बाहरी व्यक्तियों की पहचान होना जरूरी है. इसके लिए इन सभी व्यक्तियों को कानून के दायरे में रहकर ही रहने की इजाजत दी जा सकती है.


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उन्होंने कहा कि वह बिना पंजीकरण के रह रहे किसी भी बाहरी व्यक्ति का खुले रूप से विरोध करते हैं. हर बाहरी व्यक्ति की पुलिस वेरिफिकेशन होना जरूरी है ताकि वह व्यक्ति यहां आकर कोई गलत कार्य न कर सके. इसके साथ ही कहा कि प्रत्येक जुम्मे पर होने वाली नमाज में भी बाहर से आने वाले व्यक्तियों को अपनी एंट्री करवाने और कानून के नियमों का पालन करने की सख्त हिदायत दी गई है, इसलिए उन्होंने बिना पंजीकरण और बिना पुलिस वेरिफिकेशन करवाए यहां रहने वाले लोगों की किसी भी प्रकार की जिम्मेवारी लेने से साफ इंकार किया है.


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इसके साथ ही उन्होंने घुमारवीं में 35 वर्ष पूर्व बनी जामा मस्जिद पर उपजे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मस्जिद का निर्माण कार्य जिस जमीन पर किया गया है वह जमीन मस्जिद के नाम पर है. मस्जिद की दूसरी मंजिल का जो निर्माण कार्य शुरू किया गया था उसे फिलहाल के लिए रोक दिया गया है. 


उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल रही इस नाजुक स्थिति में इस तरह के मुद्दों के माध्यम से सनसनी फैलाने की कोशिश की जा रही है और दोनों समुदायों के बीच आपसी भाईचारे को खत्म करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह अपने पूर्वजों के समय से यहां सभी लोगों के साथ मिल-जुलकर रहते आ रहे हैं. आज तक कभी भी किसी भी बात को लेकर दोनों समुदायों में किसी भी प्रकार का कोई विवाद नहीं हुआ है, इसीलिए दोनों समुदायों के लोगों ने हमेशा आपसी भाईचारे को निभाया है और आगे भी निभाते रहेंगे.


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