भूषण शर्मा/नूरपुर: विधानसभा इंदौरा के मंड क्षेत्र में पौंग बांध से अधिक पानी छोड़े जाने से खेतों में चारो ओर पानी ही पानी हो गया है. पिछले 13 दिनों से मक्का, धान और गन्ने की फसलें पानी में डूब जाने से उन्हें भारी मात्रा में नुकसान हुआ है. हालांकि नुकसान का पूरा आंकलन तो पानी उतरने के बाद ही हो पाएगा, लेकिन मंड क्षेत्र का किसान इस नुकसान के बाद काफी चिंतित है.


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बाढ़ प्रभावित किसानों का कहना है कि कई वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक कोई सरकार इस समस्या का स्थाई हल करने में नाकाम रही है. पानी का चैनेलाइज करना सबसे बड़ा मुद्दा है. अभी तक किसी भी सरकार द्वारा इसका हल नहीं किया गया है. मंड सनोर के बाढ़ में फसे ग्रामीणों ने शाह नहर के साईफन पर लोहे के तीन गाडर रखकर जोखिम भरा पैदल आने-जाने का रास्ता खुद बना कर सरकार को दिखा दिया है. उन्होंने कहा कि नेतागण समस्यायों का समाधान करने नहीं सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए अपनी हाजिरी दर्ज करवाते हैं.


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फिलहाल बाढ़ प्रभावित लोग कठिनाइयों का सामना करने पर मजबूर हैं. डैम से छोड़े गए पानी से मंड का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. गांव वासियों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार पानी आ रहा है. सारी फसलें पानी में डूब गई हैं. सरकार मुआवजा देने की बात करती है, लेकिन उन्हें कोई मुआवजा नहीं चाहिए. किसानों ने कहा कि सरकार इस ब्यास नदी का चैनेलाइज कर दे तो ही ठीक है, क्योंकि चैनेलाइज होने से यहां पानी नहीं आएगा और ना उनका कोई नुकसान होगा. साथ ही कहा कि सरकार समाधान करने की बात तो कहती है, लेकिन कोई भी सरकार पुख्ता समाधान नहीं करती है. सरकारें आती जाती रहती हैं, लेकिन करती कुछ नहीं हैं.


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वहीं, गांव की एक महिला ने कहा कि लगभग 15 दिन से उनके खेतों और घरों मे पानी आ रहा है, जिसकी वजह से उन्हें कहीं भी आने-जाने में परेशानी हो रही है. इस सब की वजह से उनके पशुओं को भी परेशानी हो रही है. उनके चारे के लिए भी बहुत दिक्कत हो रही है. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस नदी का चैनेलाइज किया जाए ताकि यहां की यह समस्या खत्म हो जाए.


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