अनूप धीमान/पालमपुर: अगर आप हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रहते हैं तो यह खबर आपके लिए है, क्योंकि अगर आप पंचायत घर में किसी काम के लिए जा रहे हैं तो वहां आपको कोई कर्मचारी नहीं मिलने वाला है. प्रदेश भर के जिला परिषद के करीब 4700 कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल कर रहे इन सभी कर्मचारियों का कहना है कि जब तक जिला परिषद के अधीन कार्यरत कर्मचारियों को पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग मे शामिल नहीं किया जाता, तब तक ये सभी कर्मचारी कलम छोड़ हड़ताल जारी रखेंगे. 


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इन कर्मचारियों का कहना है जब भी सरकार की तरफ से कोई वित्तीय लाभ या अन्य कोई लाभ मिलता है तो विभाग का हिस्सा ना होने के कारण उन्हें इन लाभों से वंचित रहना पड़ता है. उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई में अपने परिवार की जरूरतें पूरी करना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है. कर्मचारियों ने कहा कि वे बीते 22 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें किसी भी विभाग में शामिल नहीं किया गया है, जिस कारण उन्हें प्रमोशन और अन्य वित्तीय लाभ भी नहीं मिल पा रहे हैं. यहां तक कि उन्हें छठे वेतन आयोग से भी वंचित रहना पड़ रहा है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उन्हें पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग में शामिल किया जाए. 


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इन करमचारियों का कहना है कि जब भाजपा की सरकार थी तब भी उन्हें अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करनी पड़ी थी और अब जब कांग्रेस सरकार है तब भी उन्हें अपनी मांगों के लिए हड़ताल करनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में हड़ताल के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उनका साथ देते हुए आश्वाशन दिया था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही इन सभी करमचारियों को विभाग में शामिल किया जाएगा और अब सरकार को बने करीब 9 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं. कर्मचारियों ने कहा कि उनकी एक ही मांग है कि जिला परिषद के करमचारियों का विभाग में विलय किया जाए. 


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