समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में देर रात 11 बजे एसएमसी संघ द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई. इस दौरान संघ के लोगों ने सरकार से अपने हक की मांग की. संघ के सदस्यों द्वारा बताया गया कि हम लगातार कई दिनों से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से 10 मिनट का समय मांग रहे हैं, लेकिन पिछले तीन दिन से उन्होंने हमें एक मिनट का समय भी नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि हम आपदा राहत कोष के लिए एक राशि चेक भी सरकार के लिए बनाकर लाए थे, लेकिन सरकार के पास इसके लिए समय ही नहीं है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि हम अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले 12 साल का संघर्ष उनके समक्ष रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम कोई तोड़फोड़ करने नहीं आए हैं, हम केवल शांतिपूर्ण ढ़ग से अपना हक मांगने आए हैं. उन्होंने कहा कि हमारी महिला साथी सड़कों पर हैं, उन्हें राष्ट्र निर्माता के नाम से भी जानते हैं, लेकिन आज यही राष्ट्रीय निर्माता सड़कों पर हैं जो कि शर्म की बात है. हमारी मांग है कि हमारे लिए एक स्थाई समाधान निकाला जाए और अगर कोई समाधान नहीं निकलता तो हमारा प्रदर्शन और उग्र होगा. हमें कई आश्वासन दिए गए, लेकिन सभी झूठे साबित हुए. 


ये भी पढ़ें- ICC वर्ल्ड कप 2023 का मुकाबला देखने के लिए ऑफलाइन टिकट लेने वालों के लिए बड़ा अपडेट


 


सुनील शर्मा ने कहा कि सरकार के पास आपदा का एक बहुत बड़ा बहाना है, लेकिन आपदा के लिए 4500 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर दी गई है, लेकिन हमारे लिए कुछ भी नहीं. यह हमारे साथ धोखा है. हम 2500 लोग सड़कों पर है. हमारी बहनों के छोटे-छोटे बच्चे हैं जो प्रदर्शन के चलते घरों में अकेले रह रहे हैं. हमने मुख्यमंत्री को ओक ओवर में मिलने का विकल्प भी दिया था, लेकिन उन्होंने वह भी स्वीकार नहीं किया. कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में इसे प्रमुखता से रखा था, लेकिन वह भी एक बहुत बड़ा झूठा निकला.


ये भी पढ़ें- ICC वर्ल्ड 2023 देखने वाले पर्यटकों का पारंपरिक तरीके से किया जा सकता है स्वागत!


 


वहीं, एसएमसी सदस्य चौपाल इंद्रा चौहान ने कहा कि सरकार को शर्म आनी चाहिए. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि कहां है हमारा राजा, कहां गायब हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री. हिमाचल देव भूमि नहीं प्रेत भूमि बन गया है. हम भी इस प्रदेश की बहू बेटी हैं, आप हमारा चेहरा तक नहीं देखना चाहते हैं, हम सभी को चंडी काली का रूप धारण करने पर मजबूर ना किया जाए. आप हमसे शायद नर बलि मांग रहे हैं. हम अपनी जान दे देंगे. आप हमें हक दो या जहर दो.