विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के नगर नियोजक, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बिलासपुर जिला के मल्यावर भटोली के पास गोविंद सागर झील के किनारे बनाए गए इंटेक और ट्रीटमेंट प्लांट के साथ औहर में बन रहे टूरिज्म कॉपलेक्स का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में विकसित की जा रही चार बड़ी जल परियोजनाओं और सिंचाई परियोजना की जानकारी दी. इन चारों योजनाओं पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.


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इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि घुमारवीं क्षेत्र के लिए तीन पेयजल योजनाएं, जिनमें पहली भटोली से मल्यावर त्यून खास के लिए, दूसरी योजना भटोली से करलोटी-कपाहडा के लिए, तीसरी नगर परिषद घुमारवीं के लिए नाल्टी के पास सोर्स से और घुमारवीं क्षेत्र के लिए सिंचाई योजना औहर, रांईयां, पल्थी, सेपड़ा, मझौण, मझासू, नाल्टी क्षेत्र के लिए कन्दौर पूल के पास से बनाई जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इन चार योजनाओं के तहत कपाहड़ा, करलोटी, भराड़ी, त्यूण खास, रोपा फटोह, हवाण, तल्याणा और मल्यावर जैसे क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. 


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वहीं मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि मल्यावर क्षेत्र के लिए एक सिंचाई योजना भी विकसित की जा रही है, जो किसानों की जरूरतों को पूरा करेगी, जबकि योजनाओं का इंटेक एक ही स्थान पर बनाया गया है. इससे न केवल संचालन व्यय कम होगा, बल्कि प्रबंधन भी अधिक सुगम और व्यवस्थित रहेगा. उन्होंने कहा कि इस पहल से क्षेत्र के लोगों को बेहतर पेयजल और सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिन पर लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी.


प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि इन सभी परियोजनाओं को 31 मार्च 2025 तक पूरा करके जनता को समर्पित कर दी जाएं. मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि इन परियोजनाओं से क्षेत्र के लोगों को पेयजल संकट से राहत मिलेगी. सिंचाई की सुविधा मिलने से किसानों की उत्पादकता में वृद्धि होगी और यह विकास कार्य क्षेत्र के लोगों के जीवनस्तर को सुधारने के साथ ही क्षेत्र के समग्र विकास में भी सहायक सिद्ध होगा. राजेश धर्माणी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि परियोजना को समय पर पूरा किया जाए ताकि इसका लाभ जल्द से जल्द क्षेत्र के लोगों को मिल सके.


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