India-Sri Lanka News: नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई बैठक में अनुरा कुमारा ने भारत और श्रीलंका के बीच रिश्तों को मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारे रिश्ते और गहरे होंगे और मैं फिर से यह भरोसा दिलाता हूं कि हम भारत का समर्थन करते रहेंगे.
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Sri Lanka President India Visit: श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार को कहा कि हम श्रीलंका की जमीन भारत के खिलाफ इस्तेमाल होने नहीं देंगे. भारत दौरे पर आए अनुरा कुमारा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनको भरोसा दिलाने के अलावा कई मुद्दों पर बातचीत की.
नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई बैठक में अनुरा कुमारा ने भारत और श्रीलंका के बीच रिश्तों को मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारे रिश्ते और गहरे होंगे और मैं फिर से यह भरोसा दिलाता हूं कि हम भारत का समर्थन करते रहेंगे.
'भारत के खिलाफ नहीं होगा हमारी धरती का इस्तेमाल'
उन्होंने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह भरोसा दिलाया है कि हम अपनी जमीन को किसी भी तरीके से भारत के हितों के खिलाफ इस्तेमाल होने नहीं देंगे. '
रक्षा, व्यापार, निवेश समेत विभिन्न क्षेत्रों में भारत-श्रीलंका के बीच सहयोग को और बढ़ाने पर दोनों नेताओं ने बातचीत की. श्रीलंकाई नेता रविवार को दिल्ली आए थे. यह सितंबर में राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा है. बातचीत से पहले दिसानायके का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया.
दिसानायके ने की भारत की तारीफ
अपने भाषण में श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने आर्थिक संकट के समय भारत के अहम समर्थन की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, 'दो साल पहले हम भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहे थे और भारत ने हमें बहुत ज्यादा समर्थन किया ताकि हम उस मुश्किल वक्त से बाहर आ सकें. उसके बाद भी भारत की मदद हमारे लिए जारी रही खासकर कर्ज मुक्त स्ट्रक्चरिंग प्रोसेस के जरिए.'
दिसानायके ने उनके देश के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर भी बात की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने यह भरोसा दिलाया है कि वह श्रीलंका की क्षेत्रीय अखंडा और प्रभुत्ता की रक्षा करेंगे.
श्रीलंकाई राष्ट्रपति का भारत को लेकर आश्वासन ऐसे वक्त पर आया है जब चीन हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी तेजी से बढ़ा रहा है. वह जानबूझकर भारतीय हितों को निशाना बना रहा है.
हंबनटोटा में चीनी जहाज को लेकर हुआ था विवाद
अगस्त 2022 में हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी मिसाइल और उपग्रह पर नजर रखने वाले पोत युआन वांग के आने से भारत और श्रीलंका के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था. पिछले साल अगस्त में कोलंबो बंदरगाह पर एक अन्य चीनी युद्धपोत पहुंचा था. भारत श्रीलंकाई रक्षा बलों की क्षमता बढ़ाने संबंधी विभिन्न कदमों का समर्थन कर रहा है, जिसमें स्वदेशी रूप से निर्मित अपतटीय गश्ती पोत देना भी शामिल है.
अगस्त 2022 में भारत की आपत्ति के बावजूद श्रीलंका ने चीनी जहाजों को तेल भरने के लिए हंबनटोटा बंदरगाह इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी. इस बीच चीन के सर्विलांस जहाज हंबनटोटा पोर्ट के जरिए हिंद महासागर में पेट्रोलिंग करते रहते हैं.
लोन नहीं चुका पाने की वजह से चीन को 99 सालों के लिए श्रीलंकाई हंबनटोटा पोर्ट की लीज मिल गई है. यह 1.7 बिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट है, जिसका पहला फेज 2010 में पूरा हो चुका है. इसके लिए सालाना 100 मिलियन डॉलर चुकाना था, जो श्रीलंका नहीं कर पाया.