विपन कुमार/धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में बरसात के चलते हुए भूस्खलन को देखते हुए जिला में 17 जगह चिन्हित की गई हैं, जहां जियोलॉजिकल इन्वेस्टीगेशन के लिए कहा गया है. डीसी कांगडा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि सुलह विधानसभा क्षेत्र के परमार नगर में राडार सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है, जिसे केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के साथ मिलकर किया गया है. 


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अगल-अलग विभागों को हुआ करीब 700 करोड़ रुपये का नुकसान
जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जिला कांगड़ा में भारी बरसात से विभिन्न विभागों को करीब 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. डीसी कांगड़ा डा. निपुण जिंदल ने कहा कि जिला में भारी बरसात के चलते जल शक्ति विभाग को सवा 300 करोड़ का नुकसान हुआ है. पीडब्ल्यूडी विभाग को लगभग 300 करोड़ रुपये और विद्युत बोर्ड को जिला में 50 करोड़ का नुकसान हुआ है.


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17 राहत शिविरों में रह रहे करीब 400 लोग 
उन्होंने कहा कि यह आंकड़े विभागों की ओर से उपलब्ध करवाए गए हैं. डीसी ने कहा कि बरसात से हुए नुकसान व विस्थापन के कारण जिला में संचालित किए जा रहे 17 राहत शिविरों में अभी तक 400 के करीब लोग ठहरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत मैन्यूल के तहत मुआवजा दिया गया है. साथ ही जो विस्थापित हुए हैं, उन्हें लैंड ट्रांसफर बारे एसडीएम और तहसीलदार को आगामी प्रक्रिया हेतु आदेश जारी किए गए हैं.


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बता दें, मानसून सीजन में अब तक 163 लैंडस्लाइड की घटनाओं के चलते चल-अचल संपत्ति के अलावा 398 लोगों की जान चली गई है. इसके अलावा 2,545 परिवार बेघर हुए हैं. चल-अचल संपत्ति को अब तक का सबसे ज्यादा 8,660 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस आपदा में 10 हजार से ज्यादा मवेशी बह गए. 


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