ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: कुछ समय पहले हुई मूसलाधार बारिश और बाढ़ से पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में किसानों के साथ-साथ बागवानों को भारी नुकसान हुआ है. पहाड़ी क्षेत्रों में हुए भूस्खलन और तेज हवाओं से कई बागवानों के बाग उजड़ गए, जबकि मैदानी इलाकों में आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है. खेतों में भी अदरक, अरबी और मक्का जैसे फसलें नष्ट हो गई हैं.


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हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश ने किसानों और बागवानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, जिन बाग बगीचों की किसानों ने देख-रेख की वह नष्ट हो गए हैं. खेतों में खड़ी फसल या तो पानी में डूब कर खराब हो गई या सैलाब में बैठकर खत्म हो गई है. सिरमौर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकतर किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. बाढ़ और मूसलाधार बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान बागवानों को हुआ है. संगड़ाह क्षेत्र के फलदार पौधे जड़ से उखड़ गए हैं. कई जगह ढलानों पर तैयार किए हुए बाग लैंडस्लाइड की वजह से खत्म हो गए हैं. इस क्षेत्र में बाढ़ और बारिश से बागवानों को लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है.


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ऑफ सीजनल पहाड़ी टमाटरों की कीमत 300 रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गई है, लेकिन भारी बारिश के कारण खेतों में खड़ी बेशकीमती टमाटर की फसल खराब हो गई है जबकि संगड़ाह विकास खंड के तहत कई गांव में फसल पानी में डूब गई है. संगड़ाह विकासखंड के सियूं गांव में खेत तालाब में तब्दील हो गए हैं.


पानी रुकने की वजह से खेतों में खड़ी मक्का, अदरक और अरबी की फसल लगभग नष्ट हो चुकी है हालांकि किसान खेतों से पानी निकालने का बरकत प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें आंशिक सफलता ही मिल रही है, जिसकी वजह से किसानों को बची हुई फसल नष्ट होने का भी डर सता रहा है. ऐसे में किसान सहायता के लिए सरकार की तरफ देख रहे हैं. अब देखना यह होगा कि किसानों सरकार से कितनी सहायता मिल पाती है और उससे किसानों के नुकसान की भरपाई होती भी है या नहीं यह देखने वाली बात होगी.


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