Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं. वहीं मौसम विभाग की ओर से भी 2 दिन के लिए प्रदेश में अलर्ट जारी किया है. ऐसे में पूरे प्रदेश में ठंड का सितम जारी है. वहीं बारिश होने से लोगों की काफी मुसीबतें भी बढ़ गई है. 


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चूड़धार में हिमपात के बाद श्रद्धालुओं से यात्रा पर न जाने की अपील
सिरमौर जिला की सबसे ऊपरी चोटी शिरगुल स्थली चूड़धार में फिर हुए हिमपात के बाद प्रशासन ने श्रद्धालुओं से चूड़धार यात्रा पर ना जाने की अपील की है. वहीं क्षेत्र में मौसम लगातार खराब बना हुआ है. उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने बताया कि चूड़धार में ताजा बर्फबारी हुई है. ऐसे में वहां श्रद्धालुओं का जाना खतरे से खाली नहीं है. उन्होंने कहा कि कई बार यह देखने को मिला है कि श्रद्धालु खराब मौसम के बीच रास्ता भटक जाते हैं और उन्हें जान से भी हाथ धोना पड़ता है. 


डीसी ने कहा कि चूड़धार में जब तक मन्दिर प्रबंधन कमेटी व प्रशासन सुविधाएं उपलब्ध ना करवा पाए तब तक लोग चूड़धार यात्रा पर ना जाएं. 


चंबा जिले में हो रही बारिश है बागवानों के लिए वरदान
वहीं, चंबा जिले में हो रही बारिश बागवानों के लिए किसी वरदान से कम नही हैं. उद्यान विभाग चंबा के उपनिदेशक राजीव चंद्रा ने बताया कि इस बारिश से चंबा जिले में सेब और नाशपति की बंपर पैदावार होने वाली है. सिर्फ ओलावृष्टि होने की सूरत में ही इन फसलों को नुकसान होने की संभावना है. हालांकि राहत की बात ये है कि अभी तक जिले में ओले पड़ने से फलदार पौधों को कोई भी नुकसान नहीं हुआ है. 


राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर फिर दरका पहाड़
बता दें, राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर फिर से पहाड़ टूटने की घटना सामने आई है. कमरऊ के समीप हयौन मोड़ पर आज सुबह पहाड़ से मलबा गिरा. यहां पहाड़ टूटने का वीडियो भी वायरल हो रहा है.  गनीमत यह रही कि यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को इसकी भनक लग गई थी और दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया था.  बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के चौड़ीकरण का काम चला हुआ है लिहाजा समूचे सड़क के किनारों को खोदा गया है, लेकिन बेतरतीब खुदाई के चलते यहां आए दिनों लैंडस्लाइड होता रहता है. जिसकी वजह से कई दुर्घटनाएं भी हुई है.  मंगलवार को हुई दुर्घटना में हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ ना ही किसी वाहन को नुकसान हुआ. 


मगर इस तरह अचानक होने वाला लैंडस्लाइड से जानमाल को नुकसान हो सकता है. हैरानी की बात यह है कि जब लैंडस्लाइड हुआ तो यहां काम कर रही कंपनी या विभाग का कोई भी व्यक्ति उस क्षेत्र में मौजूद नहीं था. जबकि यहां लैंडस्लाइड होने का पहले से अंदेशा जताया जा रहा था. गनीमत रही कि जब लेंस प्राइस शुरू हुआ तो कुछ वाहन चालकों की इस पर नजर पड़ गई और वाहनों को रोक दिया गया. जिससे कोई दुर्घटना नहीं हुई.  


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बता दें, मौसम खराब के कारण किसान पहले ही चिंतित है. वहीं, कई दिनरो से रही  तेज बरिाश व हवाओं के साथ हुई भारी बारिश ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी है. पंजाब के किसान बहुत बेबस दिखाई  दे रहे हैं. दिन रात मेहतन कर गेंहु की फसल को लगाया था लेकिन कुरदत की मार से किसान मुश्किल में पड़ गए हैं.  


बे मौसमी बारिश के कारण जहां गेहूं की फसल में पानी जमा हो गया है.  वहां गेहूं की उपज के साथ-साथ चारे की कमी भी उत्पन्न होगी. किसानों को लगातार अपनी फसल के होने वाले नुकसान की चिंता सता रही है और वह सरकार से मांग कर रहे हैं कि तत्काल उनका आकलन कर उन्हें मुआवजा दिया जाए.


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