राकेश मल्ही/ऊना: हिमाचल में इन दिनों होली के सबसे बड़े मेले की शुरुआत हो गई है. तप अस्थान गुरुद्वारा मंजी साहिब में लगने वाला यह मेला दुनिया भर में मशहूर है. अपने घर में होली खेलने की बजाय देश-विदेश से लोग यहां आकर होली खेलना पसंद करते हैं. पूर्ण ब्रहम ज्ञानी संत बाबा वडभाग सिंह के दरबार में लगने वाला यह होली मेला हिमाचल का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. इस होली मेले के अवसर पर देश-विदेश से श्रद्धालु दरबार के तप स्थान गुरुद्वारा मंजी साहिब में नतमस्तक होते हैं. 


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10 दिन तक चलता है होली मेला
दरअसल 10 दिन तक चलने वाले इस होली मेले में लाखों की तादात में श्रद्धालु अपनी हाजिरी लगाने पहुंचते हैं. कोई महिला अपने लिए बेटा मांगती है, तो बहन अपने लिए भाई मांगती है. यहां स्थित तप अस्थान गुरुद्वारा मंजी साहिब में हर साल होली मेले का आयोजन किया जाता है. जहां लोग अपने घरों में होली खेलने की बजाय यहां आना ज्यादा पसंद करते हैं. होली के दिन यहां गुरुद्वारा के निशान साहिब की उसारी की जाती है, जिसके चढ़ते ही यहां पहुंचे श्रद्धालु एक दूसरे पर रंग गुलाल लगाकर होली का आनंद लेते हैं और मन्नते मांगते हैं. कहा जाता है कि निशान साहिब के चढ़ते समय मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है.


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देश-विदेश से बड़ी संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु
उधर तप अस्थान गुरुद्वारा मंजी साहिब के प्रमुख सेवादार गद्दी नशीन संत बाबा स्वर्णजीत सिंह ने कहा कि देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं का वह स्वागत करते हैं. उन्होंने बताया कि दरबार साहिब में पड़े श्री गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी का उच्चारण करना और आज के समाज में एक-दूसरे के प्रति चल रही बुराइयों को दूर करना उनका मकसद है ताकि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी से जुड़कर लोग आपसी प्रेम को बढ़ा सकें. 


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