समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने प्रदेश भर के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ने वाले अंडर ग्रेजुएट विद्यार्थियों का रिजल्ट घोषित कर दिया है. विश्वविद्यालय की ओर से घोषित किए गए पहले और दूसरे साल के रिजल्ट में करीब 80 फ़ीसदी विद्यार्थी परीक्षा पास नहीं कर सके हैं. ऐसे में रिजल्ट को लेकर विद्यार्थियों में रोष देखा गया. कॉलेज में विद्यार्थी गलत रिजल्ट बताकर विरोध कर रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 Himachal Accident: मनाली से चंडीगढ़ जा रही पर्यटकों से भरी बस पलटी, 16 घायल


विद्यार्थियों का आरोप है कि ऑनलाइन सिस्टम की वजह से रिजल्ट खराब आए हैं. पहले ही विश्वविद्यालय ने सात महीने के लंबे अंतराल के बाद रिजल्ट घोषित किए और इस रिजल्ट में भी कई खामियां हैं. छात्रों का कहना है कि वो अधिकतर पेपर में फेल हुए हैं, जबकि उनके एग्जाम अच्छे हुए हैं. छात्रों का मानना है कि उनके साथ अन्याय हुआ है, जिसे लेकर प्रशासन को उन्हें पास किया जाए या दोबारा चेक करें. कुछ विद्यार्थियों का कहना है कि वह 4 में से 3 पेपर में फेल हुए हैं जबकि अधिकतर छात्र 44 पेपरों में फेल हुए हैं.  उनका कहना है कि जिन पेपरों में पास हुए हैं उनमें कई स्टूडेंट्स में 80 नंबर भी है और जिन में फेल किया गया है उनमें 2-2 नंबर या जीरो नंबर उनको दिया गया है. 


छात्र संगठन कर रहे विरोध
बता दें, रिजल्ट को लेकर छात्र संगठन ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया. छात्राओं की मांग है कि ईआरपी सिस्टम(ऑनलाइन सिस्टम) को बंद करना चाहिए. बता दें, बीते दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले शहर भर के विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया. विश्वविद्यालय चौक से वाइस चांसलर कार्यालय तक रोष विद्यार्थियों ने प्रदर्शन किया. इसके अलावा विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय वाइस चांसलर के कार्यालय के बाहर भी जमकर नारेबाजी की.इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात नजर आया. विद्यार्थियों में रिजल्ट के खिलाफ रोष है और विश्वविद्यालय प्रशासन से रिजल्ट को रिव्यू करने की मांग की जा रही है.


रिजल्ट में नहीं कोई गड़बड़ी- परीक्षा नियंत्रक
इस मामले पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक जे.एस. नेगी का कहना है कि रिजल्ट में किसी तरह की कोई कमी नहीं है. विद्यार्थी जिस ऑनलाइन सिस्टम में खामी की बात कर रहे हैं, वह भी कर्मचारियों के द्वारा ही ऑपरेट किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के अध्यापकों ने बच्चों के पेपर चेक किए हैं. पेपर में लिखे गए जवाबों के आधार पर ही उन्हें नंबर दिए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि जिस विद्यार्थी को अपने अंकों को लेकर शंका है, वह रि-वैल्यूएशन का फॉर्म भर अपनी शंका को दूर कर सकते हैं. उन्होंने पेपर में चेकिंग और ऑनलाइन सिस्टम में खराबी  के आरोपों को सिरे से खारिज किया है.


80 % रिजल्ट आने को किया खारिज
जे. एस. नेगी ने कहा कि रिजल्ट में देरी आने के कारण छात्रों में रोष दिखाई दे रहा है. हर बार की तुलना में इस बार भी रिजल्ट सामान्य आए हैं. अभी तक 41 फीसदी विद्यार्थीयों ने कॉमर्स में परीक्षा उत्तीर्ण की हैं, जबकि साइंस के 33 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं.


खराब रिजल्ट खराब आना कोरोना का मुख्य कारण
जिस नेगी ने कहा कि छात्रों की फेल होने की मुख्य वजह की बात करें तो कोविड-19 है. क्योंकि 2 साल तक बच्चों की परीक्षाएं ना होना, प्रोमोट किये जाना और घर में पढ़ना रिजल्ट खराब होने के मुख्य कारण हो सकते हैं.  क्योंकि ये वही बैच है जो 2019-20 में स्कूल से प्रोमोट हुए हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जो रिजल्ट परसेंटेज घटी है. पहले भी छात्रों के ऐसे रिजल्ट आए हैं.


हालांकि की छात्रों की दिक्कतों पर चर्चा की जाएगी. जिसके लिए आज यानी शुक्रवार शाम को विशेष बैठक होगी. जिसमे कमेटी में डीएसडब्लू के मेंबर, परीक्षा नियंत्रक, डीन सीडीसी और परीक्षा शाखा के एआर मौजूद रहेंगे. 


Watch Live