समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1974 से अपना सफर शुरू करने वाली एचआरटीसी (HRTC) आज 50 वर्ष का सफर पूरा कर चुकी है. 50 वर्ष पूरे होने पर एचआरटीसी का आज शिमला में स्वर्ण जयंती समारोह मनाया गया. इसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए,  जहां मुख्यमंत्री ने HRTC कर्मियों को दीपावली के कई तोहफे भी दिए. 


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सीएम सुक्खू ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर HRTC कर्मियों को 4 फीसदी DA देने की घोषणा के साथ इस माह 28 अक्टूबर को  वेतन और पेंशन देने का ऐलान किया. इसके आलावा 9 करोड़ के लंबित मेडिकल बिलों का भुगतान HRTC कर्मियों का दो माह करने की बात कही, जबकि 55 माह से अटके पड़े 97 करोड़ के ओवर टाईम के रूप में से 50 करोड़ देने की भी सीएम ने घोषणा की है. 


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उन्होंने 31 मार्च तक सभी लंबित भुगतान देने की भी घोषणा की. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 40 वर्ष पहले मेरे पिताजी HRTC में चालक के रूप में करते थे, इसलिए वह HRTC कर्मियों के दर्द को समझते हैं. उस वक्त निगम के बेड़े में 800 बसें थीं जो अब 32,00 से ज्यादा हैं.  सरकार HRTC को 700 करोड़ से अधिक की ग्रांट हर वर्ष देती है, लेकिन अब HRTC को भी कार्यप्रणाली में बदलाव लाना पड़ेगा ताकि निगम को घाटे से उभारा जा सके. ग्रीन हायड्रोजन प्रोजेक्ट को अगले महीने में शुरू करेंगे. 


वहीं, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, जिनके पास HRTC का जिम्मा भी है उन्होंने कहा कि एचआरटीसी 50 वर्षों से अपनी वचनबद्धता के साथ लोगों को गांव-गांव तक पहुंचाने का कार्य कर रही है. एचआरटीसी में रोजाना 6 लाख लोग सफर करते हैं. घाटे की हालात के बावजूद वर्तमान सरकार ने HRTC के कर्मचारियों को वेतन व पेंशन देने में एक दिन भी कोताही नहीं बरती. निगम वेतन पर 45 करोड़, पेंशन पर 25 करोड़ और डीजल पर 45 करोड़ खर्च कर रही है. 


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