Shimla News: आज अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस है. जिसके मौके पर शिमला में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया.  इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने आवास से आपदा के खिलाफ एक जुटता का संदेश देते हुए मार्च को हरी झंडी दिखाई. 


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इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आने वाली आपदा को लेकर किस तरह से तैयार रहना है और आपदा से किस तरह से निपटना है. इसको लेकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.  मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 15 दिनों से अलग-अलग हिस्सों में लोगों को जागृत करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. विशेष कर बच्चों को विभिन्न कार्यक्रमों से जागरूक किया जा रहा है ताकि वह आदर्श से निपटने के लिए तैयार हो सके. 


वहीं, शिमला के हार्दिक राज मैदान पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. जिसमें यह बताया जाता है कि आपदा के समय में किस तरह की तैयारी की जाती है और लोगों तक मदद कैसे पहुंचाई जाती है.  


इसके साथ ही सीएम ने शिमला में निर्माण को लेकर स्पष्ट करते हुए कहा कि शिमला में किसी भी तरह का कंस्ट्रक्शन नहीं किया जा रहा है क्योंकि अभी पूरे शिमला में कंस्ट्रक्शन पूरी तरह से बंद है क्योंकि ये सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार बैन किया गया है. 


पूर्व की भाजपा सरकार ने 2022 में शिमला डेवलपमेंट प्लान बनाकर सुप्रीम कोर्ट में सबमिट किया था, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शिमला डेवलपमेंट प्लान को नोटिफाई करने की इजाजत दे दी थी. वर्तमान सरकार ने इस प्लान में यह पाया कि उसमें कोर एरिया और  ग्रीन एरिया में यह प्रावधान किया गया है कि ग्रीन एरिया में डेढ़ मंजिल का निर्माण किया जा सकता है, लेकिन आपदा को देखते हुए वर्तमान सरकार ने शिमला डेवलोपमेन्ट प्लान में सख्ती करने करने का फैसला लिया है. जिसके तहत कोर एरिया या ग्रीन एरिया में लगे सूखे पेड़ है या हरे पेड़ किसी कारण से टूट जाते हैं तो वो जगह ग्रीन प्लाट कहलाएगी, लेकिन वहां निर्माण कार्य के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी. 


प्रदेश में आई आपदा को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन नियमों को और कड़ा करने के निर्देश दिये. इसी को देखते हुए कैबिनेट की 11 अक्टूबर को हुई बैठक में ग्रीन बेल्ट में निर्माण के प्रावधानों को और कड़ा किया गया है.  उन्होंने कहा कि जाखू हिल्स में ग्रीन कवर का संरक्षण करने के लिए ऐसे प्लॉट जिनमें एक भी हरा या सूखा पेड़ है, उसपर किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध रहेगा.  शिमला डेवेलपमेंट प्लान को सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति मिलने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा. 


वहीं CPS मामले में सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर चली खबरों के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि CPS मामला हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में विचाराधीन है और जहां तक बात सरकार के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की है तो इस तरह की कोई बात नहीं है.