Mandi News: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के 6 बागी विधायकों के खिलाफ दर्ज करवाई गई एफआईआर को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. शिवरात्रि महोत्सव में प्रमुख देवताओं के दर्शन के बाद मंडी में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जिन 6 विधायकों ने भाजपा को राज्यसभा में समर्थन दिया है उन विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके उन्हें प्रताड़ित करने का प्रयास किया जा रहा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उनके परिवारों को भी सरकार परेशान करने पर तुली हुई है. सरकार आज बहुमत खो चुकी है और उसी बौखलाहट में इस प्रकार के निर्णय भी ले रही है और विधायकों व उनके परिवारों को प्रताड़ित करने का प्रयास कर रही है. आज बागी विधायकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन सरकार खुद अपने विधायकों के जेड प्लस सिक्योरिटी दी जा रही है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. 


जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसा करना दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार अपना बहुमत खो चुकी है और इसलिए इस प्रकार का कृत्य किया जा रहा है. यदि बहुमत है तो उसे साबित करे. उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत प्रभाव से इन एफआईआर को वापिस ले नहीं तो फिर सरकार को भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पडेंगे. उन्होंने कहा कि राज्यसभा सीट हारने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू बौखलाहट में हैं. लगता है हाईकमान से कड़ी फटकार लगी है. 


हम शुरू से कह रहे हैं कांग्रेस सरकार और संगठन में कोई तालमेल नहीं है. आज कांग्रेस के अंदर ये असंतोष इनकी अपनी वजह से फैला है. हास्यास्पद है कि मुख्यमंत्री के अपने जिला के एक भी विधायक आज उनके साथ नहीं है. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस कद्र हालत आज कांग्रेस के अंदर हैं और दोषारोपण मुख्यमंत्री भाजपा पर कर रहे हैं. अपनी कुर्सी खतरे में देख मुख्यमंत्री बदले की भावना से काम कर रहे हैं. उन्हे नैतिकता के आधार पर स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए.


टारना माता मंदिर में देव कमरूनाग के दर्शन करने के बाद उन्होंने कहा कि मंडी शिवरात्रि के मंच का जिस प्रकार मुख्यमंत्री ने अपनी राजनीतिक भड़ास निकालने के लिए प्रयोग किया वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उनकी अमर्यादित भाषा ही उनकी हताशा को दर्शा रही है. आज मंडी का देव समाज आहत हुआ है कि इतने बड़े देव महाकुंभ में संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री का आचरण सही नहीं था. देव संस्कृति संरक्षण और संवर्धन का संदेश देने के बजाय मुख्यमंत्री ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का मंच बना दिया. उन्होंने इस दौरान देवलुओं से भी बातचीत की और प्रशासन को उचित व्यवस्था बनाए रखने को कहा. देव कमेटी ने उनका स्वागत किया और देवता की लोई भैंट की. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री सीधे दिल्ली रवाना हो गए. 


रिपोर्ट- कोमल लता, मंडी