ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश में कफोटा नागरिक उपमंडल के तहत शमाह गांव के आसपास जंगली तेंदुओं का खतरा मंडरा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां दो से तीन तेंदुए घूम रहे हैं. ये खुंखार जानवर रोज पालतू जानवरों को अपना शिकार बना रहे हैं, जिससे शमाह गांव के लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. इतना ही नहीं ये तेंदुए ग्रामीणों के लिए भी खतरा बने हुए हैं.


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बकरे-बकरियों को शिकार बना रहे तेंदुए 
शमाह गांव के लोग आजकल तेंदुए के कारण डर के साए में जीने को मजबूर हैं. यहां तेंदुए दिन भर गांव के आसपास मंडराते रहते हैं. शाम के समय अक्सर पालतू जानवरों के शिकार के लिए गांव के नजदीक पहुंच जाते हैं. तेंदुओं ने घरों के पास बंधे बकरे-बकरियों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है. अभी तक ये तेंदुए यहां तीन-चार बकरियों का शिकार कर चुके हैं, जिसकी वजह से लोगों को अब उनके बाकी पालतू जानवरों की सुरNalagarh की पाकिस्तान कॉलोनी का क्या है सच, क्यों चर्चाओं में आया यह क्षेत्रक्षा का डर सताने लगा है. यही नहीं तेंदुओं के कारण महिलाओं और बच्चों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. 


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जिला प्रशासन और वन विभाग को भेजा गया प्रस्ताव
ग्रामीणों ने बताया कि यह खुंखार तेंदुए गांव के आसपास घूमते रहते हैं, जिसकी वजह से पालतू जानवरों के साथ-साथ इंसानों को भी खतरा बना हुआ है. शमाह गांव के ग्रामीणों ने इस संबंध में प्रशासन और वन विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है. साथ ही वन विभाग और प्रशासन से गुहार लगाई है कि तेंदुओं को पकड़ने या भगाने का इंतजाम किया जाए ताकि इनकी वजह से ग्रामीणों को हो रहे नुकसान से बचा जा सके और लोग बिना डरे अपना जीवन जी सकें. 


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बता दें, इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों से इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां कुछ जंगली जानवर गांव में आकर पालतू जानवरों का शिकार चुके हैं.  


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