Mandi News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली और मंडी जिला के जेल रोड स्थित मस्जिद विवाद के बाद अन्य राज्यों के लोगों के पहचान पत्रों की जांच शुरू हो गई है. मंडी जिला के सुंदरनगर के भोजपुर में पंजीकरण शिविर के दौरान चौंकाने वाली बात सामने आई है. 


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पंजीकरण करवाने वाले 200 में से 186 अन्य राज्यों से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों की जन्मतिथि आधार कार्ड पर पहली जनवरी अंकित पाई गई है. ऐसे में आधार कार्ड बनाने में फर्जीवाड़ा होने का संदेह पैदा हो रहा है. 


इसी तरह धनोटू व बीएसएल कालोनी थाना के तहत पंजीकरण शिविरों में भी जन्मतिथि की गड़बड़ी पाई गई है. जांच में सामने आया है कि 10 वर्ष के बच्चे से लेकर 50 वर्ष की आयु तक के सभी लोग पहली जनवरी को ही पैदा हुए हैं.


पिछले सप्ताह शिमला के गुम्मा में भी 46 लोगों की जन्मतिथि पहली जनवरी पाई गई थी. शिविर में भी कई लोगों के आधार कार्ड की जांच करने पर उनकी जन्मतिथि पहली जनवरी निकली. तीनों पुलिस थानों के तहत अन्य राज्य के लोगों के पंजीकरण शिविर के दौरान सभी के आधार कार्ड पर जन्मतिथि पहली जनवरी होने पर पुलिस भी परेशान है.


शिविर में पंजीकरण करवाने पहुंचे लोगों से जब आधारकार्ड पर उनकी जन्मतिथि पहली जनवरी ही होने के बारे में पूछा गया तो कोई भी महिला या पुरुष संतोषजनक जबाब नहीं दे पाए. उन्होंने कहा कि हिमाचल आने से पहले यह आधार कार्ड बनवाए गए थे.


मामले को लेकर जानकारी देते हुए डीएसपी सुंदरनगर भारत भूषण ने बताया कि मंडी जिला में हिमाचल प्रदेश के बाहर से आए लोगों के पंजीकरण के लिए शिविर लगाए गए हैं अभी तक करीब 200 से अधिक प्रवासी लोगों का पंजीकरण किया जा चुका है. बाहरी राज्यों के लोगों से आग्रह किया है कि वह थाना और विशेष शिविर में आकर पंजीकरण करवा सकते हैं.


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संयुक्त व्यापार संगठन के प्रदेश सचिव सुरेश कौशल ने कहा कि बाहरी राज्य के लोगों के पंजीकरण को लेकर पुलिस से आग्रह किया गया था. उसके चलते पुलिस द्वारा लोगों का पंजीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पंजीकरण होने से क्षेत्र में हो रही चोरी की वारदातों व अपराधी घटनाओं पर लगाम लगेगी.


रिपोर्ट- नितेश सैनी, मंडी