Masik Shivratri 2023 Date: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि हर माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के अवसर पर मध्यरात्रि भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से भक्तों पर महादेव की असीम कृपा बनती है. साथ ही शिव जी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं.  


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बता दें, मासिक शिवरात्रि का व्रत पुरुष और महिलाएं दोनों रखती हैं. ये व्रत कुंवारी कन्या भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रख सकती है. रखती हैं. बता दें, इस बार आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि गुरुवार 16 जून को पड़ रही है. शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 39 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 17 जून को सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक पर खत्म होगी. 


मान्यता के अनुसार, ऐसा बताया गया है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्तों पर भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की हमेशा कृपा बनीं रहती है. साथ ही घर परिवार में और गृहस्थ जीवन में खुशहाली आती है.  


पूजा करते वक्त पढ़ें ये मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ. ऊँ नम: शिवाय. ओम साधो जातये नम:.


जानें रात्रि में शिव जी की पूजा का महत्व
बता दें, चतुर्दशी तिथि पर रात्रि में शिव जी की शादी हुई थी. इसलिए उन्हें रात्रि प्रिय है. जानकारों के अनुसार उपवास से इन्द्रियों और मन पर नियंत्रण करने वाला व्यक्ति रात्रि में जागकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील हो सकता है. ऐसे में शिव पूजा रात में ही करना चाहिए. 


ऐसे करें पूजा
शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर नहाकर शिव जी और पार्वती जी की एक तस्वीर साफ जगह पर रख लें. इसके बाद माला फूल चढ़ाकर घी का दीपक जलाएं. फिर शाम में मंदिर को अच्छे से सजा कर शिव जी की विधि-विधान से पूजा करें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)