Dharamshala News: भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हिंदु-मुस्लिम को एक दूसरे के जज्बातों का सम्मान करना चाहिए. जिस उद्देश्य के लिए वक्फ एक्ट बनाया गया था, उस पर आज तक काम नहीं हुआ. वक्फ बोर्ड में चुनाव का प्रावधान होना चाहिए और चुनाव लड़ने वाला पहले सदस्यता ले. 


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हिंदू-मुस्लिम धर्म अलग हैं, लेकिन सड़कों पर हम सब भारतीय हैं. यह बात मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने बुधवार को धर्मशाला में प्रेसवार्ता में कही. शिमला और मंडी में मस्जिद विवाद पर मोहम्मद अफजाल ने कहा कि संविधान के ऊपर कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि मजहब-ए-इस्लाम में कब्जा कर बनाई गई मस्जिद में नाम पढ़ना सही नहीं है. 


कानून को ऊपर रखकर सदभाव और भाईचारे को बढ़ावा देना हमारा मकसद है. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल का काफी विरोध हुआ. वक्फ एक्ट गरीब, विधवा, तलाकशुदा की मदद के लिए बनाया गया था, लेकिन आजादी के बाद आज तक वक्फ एक्ट ने किसी को लाभ पहुंचाने का काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि देश में सेना और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा जमीन है, लेकिन आज तक बोर्ड ने किसी की कोई मदद नहीं की.


उन्होंने कहा कि सनातनी समाज अपने धर्म के साथ मजारों पर भी विश्वास रखता है. दरगाह के लिए हिंदू भूमि दान देते हैं. हिंदू यदि वक्फ के लिए भूमि दान दे सकते हैं तो वक्फ बोर्ड में हिंदू को सदस्य भी बनाया जाना चाहिए. महिलाओं की इसमें भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए. इसके लिए चुनाव होना चाहिए और चुनाव से पहले सदस्यता लेना तय करते हुए कम से कम 500 रुपये सदस्यता शुल्क लिया जाए. मोहम्मद अफजाल ने कहा कि वर्ष 2014 से केंद्र सरकार ने किसी एक समाज को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि सर्वसमाज को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई हैं. आज विश्व के शक्तिशाली देशों में भारत का भी नाम शुमार हुआ है.


रिपोर्ट- विपिन कुमार, धर्मशाला