अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में 17 किलोमीटर लंबे दो-लेन के हमीरपुर बाई पास राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है.  
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस राजमार्ग का निर्माण करने के लिए पेड़ों की लागत के रूप में वन विभाग के पास 5.26 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं जबकि कुल लागत के रूप में लगभग 10 करोड़ की राशि जमा करवाई गई है. 


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वन विभाग ने इसके लिए साढ़े 12 हेक्टेयर भूमि को ट्रांसफर किया है. डीएफओ हमीरपुर राकेश कुमार ने बताया कि फोर लेन हमीरपुर बाई पास चील बहल से कोहली गांव के बीच शिमला मटौर राजमार्ग पर दो-लेन खंड को पक्का करने के लिए पेड़ो को काटना शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि इस खंड में 5950 विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों का कटाव किया जा रहा है. 


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गौरतलब है कि केंद्रीय उच्च राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 2016 में घोषणा की थी कि शुरुआत में चार-लेन राजमार्ग प्रस्तावित किया गया था, लेकिन बाद में कुछ हिस्सों पर दो लेन बनाने का निर्णय लिया गया. इस दो-लेन राजमार्ग का काम पूरा हो जाने पर चील-बहाल और कोहली के बीच की दूरी 7 किमी कम हो जाएगी, जो वर्तमान में लगभग 24 किमी है.


इसके अलावा राजमार्ग पर सवारी की गुणवत्ता अच्छी होगी और मोड़ कम होंगे. यह राजमार्ग का हिस्सा शिमला-मटौर चार लेन राजमार्ग का हिस्सा है. एनएचएआई ने पेड़ों की कीमत का भुगतान वन विभाग को कर दिया है, लेकिन वन निगम पेड़ों की कटाई से निकली लकड़ी की नीलामी करेगा, जबकि इससे होने वाला राजस्व एनएचएआई को मिलेगा.


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जिला वन अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि वन विभाग को फोरलेन हाईवे के निर्माण के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की लागत के लिए एनएचएआई से 5.26 करोड़ रुपये मिले हैं. उन्होंने आगे कहा कि हाईवे के निर्माण के लिए विभिन्न किस्मों के पेड़ों को काटा जाएगा. क्षेत्र में पेड़ों की प्रमुख प्रजातियों में खैर, सफेदा, चील, तूनी और शीशम जैसे पेड़ शामिल हैं. 


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