राकेश मल्ही/ऊना: सुक्खू सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में नगर-निगम बनाए जाने की अधिसूचना जारी की गई है. इसके बाद नगर परिषद ऊना को भी नगर निगम बनाए जाने की अधिसूचना जारी की गई है, जिसके तहत अब नगर निगम का दायरा बढ़ने के कारण आसपास के गांव को इसमें शामिल किए जाने को लेकर लेटर जारी किए गए हैं. कई ग्राम पंचायत ने इसका विरोध भी किया है. 


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वहीं, अब रामपुर पंचायत भी इसके विरोध में उतर आई है. गांव के लोगों ने इकट्ठा होकर आज एडीसी ऊना को अपना ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने   रामपुर पंचायत को नगर निगम ऊना में शामिल न किए जाने की बात कही है. गांव के लोगों की मानें तो रामपुर पंचायत में ज्यादातर लोग मनरेगा कार्य से जुड़े हुए हैं और उसी से अपने घर का गुजारा कर रहे हैं. रामपुर पंचायत को नगर निगम में शामिल किए जाने के बाद मनरेगा कार्य बंद हो जाएगा.


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लोगों के पास इतना पैसा नहीं है कि वे नगर निगम के टैक्सों की भरमार सह सके. गांव में 70 प्रतिशत जमीन खेतीबाड़ी की है. लोग खेती बाड़ी करके ही अपना पेट पाल रहे हैं. लोगों को अपने छोटे-मोटे काम करवाने के लिए शहर का रुख करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हम अपनी पंचायत का विकास करवाने के लिए सक्षम हैं. 


इसके साथ ही कहा कि गांव के लोग नहीं चाहते कि उनकी पंचायत को नगर-निगम ऊना में शामिल किया जाए, इसलिए हम नगर निगम ऊना में रामपुर पंचायत को शामिल किए जाने का विरोध करते हैं और प्रशासन से मांग करते हैं कि हमारे गांव को नगर निगम ऊना में शामिल न किया जाए. इसे लेकर आज हमनें प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा है. 


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