डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए पठानकोट सेहत विभाग दिखा एक्टिव
हर साल डेंगू और मलेरिया के कारण कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. बरसात के मौसम से पहले ही डेंगू मलेरिया के मामले भी सामने आने शुरू हो गए हैं.
अजय महाजन/पठानकोट: हर साल डेंगू और मलेरिया के कारण कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. बरसात के मौसम से पहले ही डेंगू मलेरिया के मामले भी सामने आने शुरू हो गए हैं. वहीं, अब पठानकोट सेहत विभाग की ओर से डेंगू मलेरिया के लार्वे को नष्ट करने के लिए गांव-गांव जाकर एकत्रित पानी में गम्बूजीया मछलियों को छोड़ने का काम किया जा रहा है.
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आपको बता दें, कि यह गम्बूजीया प्रजाति की मछलियां डेंगू फैलाने वाली मादा एडिस मच्छर और मलेरिया फैलाने वाले एनफलीज मच्छरों के लार्वा को तेजी से खा जाती हैं. जिस कारण सेहत विभाग पठानकोट द्वारा संवेदनशील गांवों के तालाबों में गम्बूजीया मछलियों को छोड़ा जा रहा है.
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आपको बता दें, कि यह गम्बूजीया मछलियों को सिविल अस्पताल में बनाए हुए हेचरी में पाला जाता है. वहीं, बरसातों से पहले ही इन मछलियों को संवेदनशील इलाकों में बने तालाबों में छोड़ दिया जाता है, जिसके बाद यह मछलियां पानी में पनपने वाले डेंगू मलेरिया के लार्वे को खा जाती हैं.
वहीं, इस बारे में डॉक्टर साक्षी ने बताया कि सेहत विभाग डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों से निपटने के लिए हर समय तैयार रहता है. इस साल भी सेहत विभाग द्वारा संवेदनशील इलाकों के तालाबों में गम्बूजीया मछलियों को छोड़ने के कार्य में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि यह मछलियां डेंगू के लारवे से अपनी खुराक लेती हैं. जिस कारण पिछले कुछ वर्षों में पठानकोट में डेंगू मलेरिया के मामलों में गिरावट देखी गई हैं.
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