विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के बिसालपुर जिला की महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' के सपने को साकार करने में पूरा योगदान दिया है. ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं ने सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर लोकल उत्पादों को बाजार में लाने का काम किया है. वहीं, जिला प्रशासन ने उन्हें एक मंच उपलब्ध करवाने का काम किया है. 


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एक-एक ग्रुप बनाकर सामान बेचती हैं बिलासपुर की महिलाएं
बता दें, बिलासपुर जिला के ग्रामीण इलाकों से संबंध रखने वाली 10 से 15 महिलाएं एक ग्रुप बनाकर लोकल उत्पाद जैसे सीरा, बड़ियां, अलग-अलग तरह के मसाले, आचार और सेवइयों सहित कई तरह की सब्जियां बेचने का काम करती हैं, जिनकी कीमत बाजार से कम होती है. इतना ही नहीं यह उत्पाद बिना किसी मिलावट के शुद्धता से परिपूर्ण होते हैं. महिलाओं द्वारा बनाए गए यह यह उत्पाद लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं. इसके साथ ही महिलाओं की अच्छी आमदनी भी हो रही है, जिससे उनकी आर्थिकी में भी सुधार आ रहा है.


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क्या कहती हैं महिलाएं?
सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी इन महिलाओं का कहना है कि उनके द्वारा लोकल उत्पाद बेचे जाते हैं, जिसमें किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होती है. इन उत्पादों की बिक्री से उनकी अच्छी खासी आमदनी भी हो जाती है, जिससे उनके परिवार का खर्च आसानी से चल जाता है. महिलाओं ने कहा कि इससे उन्हें बिना दूर जाए पास में ही रोजगार उपलब्ध हो जाता है. वहीं इन लोकल उत्पादों को खरीदने आए ग्राहकों का कहना है कि इन उत्पादों में शुद्धता की गारंटी है. वह हर बार यहीं से खरीदारी करने आते हैं. 


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उपायुक्त कार्यालय परिसर में उपलब्ध कराई गई जगह
गौरतबल है कि इन आत्मनिर्भर महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को बेचने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से भी मदद की जा रही है. उपायुक्त कार्यालय परिसर में ही इन्हें स्थान उपलब्ध करवाया गया है ताकि अलग-अलग ग्रुप से जुड़ी इन महिलाओं के उत्पाद को बेचने के लिए ना केवल एक उचित जगह मिल सके बल्कि 'वोकल फॉर लोकल' के इस नारे को साकार भी किया जा सके.


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