बरनाला पहुंचे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह, सरकार पर उठाए सवाल
Punjab Farmer: भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहा मंगलवार को बरनाला पहुंचे. यहां उन्होंने राज्य स्तरीय मीटिंग की
देवेंद्र शर्मा/बरनाला: भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहा मंगलवार को बरनाला पहुंचे. यहां उन्होंने राज्य स्तरीय मीटिंग की. मीटिंग में अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहा ने बात करते हुए कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पूरे देश के गवर्नरों को मांग पत्र देने सहित 26 नवंबर को चंडीगढ़ में राष्ट्रपति के नाम पंजाब के गवर्नर को एमएसपी सहित सात मांगों संबंधी मांग पत्र दिया जाएगा.
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इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान के बयान, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि धरने लगाना आजकल रिवाज बन चुका है. उसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी अन्ना हजारे के आंदोलन से निकली है और विपक्ष में रहते हुए आम आदमी पार्टी हर रोज धरना करती थी. इसलिए मुख्यमंत्री को पहले अपनी पार्टी के धरनों के बारे में सोचना चाहिए.
बता दें, बरनाला में हुई राज्य स्तरीय मीटिंग संबंधी अधिक जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहा, पंजाब के सीनियर मीत प्रधान झंडा सिंह जेठूके ने बताया कि आज बरनाला की अनाज मंडी में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की राज्यस्तरीय मीटिंग हुई. जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पूरे देश में सभी राज्यों के गवर्नरों को 26 नवंबर को मांग पत्र दिए जा रहे हैं. वहीं 26 नवंबर को पंजाब के राज्यपाल को चंडीगढ़ में राष्ट्रपति के नाम एमएसपी सहित 7 मांगों को लेकर मांग पत्र दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि लोक विरोधी नीतियों के खिलाफ लोगों की उठ रही संघर्षशील ताकत को खत्म करने का केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जोर लगाया जा रहा है. इस समय केंद्र और राज्य सरकार पंजाब के पानी जमीन सहित सभी सरकारी अदारो को बहुराष्ट्रीय कंपनियों का कब्जा करवाने के लिए तत्पर हैं. वहीं, इन नीतियों के खिलाफ उठ रहे लोगों के आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकारों द्वारा आंदोलन कुचलने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि संप्रदायक ताकतों को आगे लाया जा रहा है जो कि लोगों को धर्म जात-पात राज्य और इलाकों के नाम पर कत्लेआम करवाने पर तुले हुए हैं. आज के समय में किसान और मजदूर कर्ज और आर्थिक तंगी के कारण खुदकुशी के रास्ते पर जाने के लिए मजबूर हैं और पढ़े-लिखे बेरोजगार लड़के लड़कियां रोजगार ना मिलने के कारण विदेशों में भाग रहे हैं. जो नौजवान पंजाब में रह गए हैं वह पूरी तरह से नशों के दलदल में फंस चुके हैं.
जोगिंदर सिंह उगराहा ने आगे कहा कि आम लोगों से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं दूर होती जा रही हैं और इन जरूरी सेवाओं के लिए तीखे संघर्ष की जरूरत है और इसी वजह से संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में 26 नवंबर को गुरुद्वारा अंब साहिब मोहाली में किसान इकट्ठा होंगे, जिसके बाद वह राज्यपाल को मांग पत्र देने के लिए चंडीगढ़ की तरफ कूच करेंगे.
खेती कानूनों के खिलाफ दिल्ली में लगे मोर्चे के दौरान केंद्र सरकार ने माना था कि एमएसपी पर फसलों की खरीद के लिए कानून बनाया जाएगा और लखीमपुर खीरी हत्याकांड में सभी आरोपियों को सजा दिलवाई जाएगी और किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए सभी मुकदमा रद्द किए जाएंगे, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इनमें से कोई भी मांग लागू नहीं की गई है.
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