Farmers Protest News: हिमाचल प्रदेश के बद्दी में किसानों और प्रशासन के बीच एक सहमति बन गई है, जिसमें जमीन के जो रेट हैं. उनको रिव्यू किया जाएगा क्योंकि प्रशासन के सामने आज किसानों ने यह बताया कि जमीन की उस जगह पर कोई ज्यादा रजिस्ट्री नहीं हुई है, जिसकी वजह से वहां पर रेट बेहद कम लगाए गए हैं. इसी वजह से ऐसा हुआ है कि जहां पर 48 लाख रेट बनता था वहां पर केवल 8-9 लाख रेट रह गया. 


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बद्दी में रेलवे लाइन की जमीन के अधिग्रहण के पैसे एक बराबर न मिलने पर किसानों ने किया प्रदर्शन


वहीं, जिस जमीन का रेट 2400 रुपए मीटर के करीब था उसकी केवल 900 रुपये मीटर के करीब रखा गया. इसी वजह से ऐसा हुआ. ऐसे में अब इस पूरी चीज को रिव्यू किया जाएगा. 


चौधरी रामकुमार एमएलए दून, CPS ने कहा कि ये सब पिछली सरकार के समय हुआ था. उसे समय जो मांग थी, उन्होंने सही तरीके से उसे लेकर काम नहीं किया और किसानों के साथ खड़े नहीं हुई. इसी वजह से ऐसा हुआ है, लेकिन हमारी सरकार किसानों के साथ खड़ी है और हम किसानों को सही मुआवजा दिलवाएंगे. 


वहीं, किसान लीडर चरणदास नंबरदार ने कहा कि हम रेलवे लाइन का काम शुरू करवा रहे हैं लेकिन अगर 3 से 4 महीने के अंदर हमारे मामले का हल नहीं हुआ, तो हम फिर से अपना धरना प्रदर्शन स्टार्ट कर सकते हैं. पिछली सरकार ने जो किया. वह यह सरकार ना करें. इस चीज का पूरा यकीन रखना होगा और किसानों को उचित मुआवजा देना होगा. 


जानकारी के लिए बता दें, बीते कल यानी गुरुवार को बद्दी में किसान धरने पर बैठे थें. उनका कहना है कि बद्दी -चंडीगढ़ रेलवे लाइन की ज़मीन के अधिग्रहण की राशि एक बराबर नहीं मिल रही है. किसानों के कहा हम 10 दिनों से ये प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश और केंद्र सरकार ने हम किसानों के साथ दोखा करके कम दामों पर जमीन के अधिग्रहण की राशि मिली है. अगर सरकार हमारी मांगें नहीं पूरी करती है, तो हम ये प्रदर्शन जारी रखेंगे.