शिमला: हिमाचल प्रदेश में बरसात लोगों के लिए आफत बनकर बरस रही है. हर साल न जाने कितने लोगों के घर बरसात के समय टूटते हैं. पहाड़ी राज्य होने के साथ हिमाचल प्रदेश को कई तरह के नुकसान झेलने को मिलते है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

3 सालों में कई लोग हुए बेघर...


2020 में 682 कच्चे पक्के मकान टूटें हैं. 2021 में 1112 घर. वहीं, 2022 में इन मॉनसून के 12 दिनों में 59 घर टूट चुकें हैं.


मॉनसून में नुकसान...
2020 में 857 करोड़ का नुकसान हुआ है. तो वहीं, 2021 में 1308 करोड़ और 2022 के इन 12 दिनों में 93 करोड़ का नुकसान हो चुका है.  66 लोगों की मौत हो चुकी है और 4 लोग मिसिंग है.


आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार की और से दी गई जानकारी के अनुसार जिन व्यक्तियों के घर टूटते हैं, उन्हें रिलीफ फंड भी दिया जाता है. 1 लाख 31 हजार की राशि दी जाती है. ओंकार शर्मा ने बताया कि लोगों ने अपने घरों के लिए अपनी जिंदगी की सारी कमाई लगाई होती हैं, लेकिन सरकार की ओर से काफी कम राशि दी जाती है. 


पहाड़ी क्षेत्रों के कारण बरसात के समय इस तरह की घटनाएं अक्सर होती हैं हालांकि ये चिन्हित अनुमान लगाना काफी मुश्किल है कि कौन से घर सेफ है और कौन से नहीं, हालांकि प्रशासन की और से जो घर असुरक्षित स्थान पर बनाएं जाते हैं उनके लिए पहले ही कहा जाता है कि नदी नाले स्लोपस के पास घर न बनाए. 


इस साल मौसम विभाग की और कहा गया है कि हिमाचल में या मॉनसून नॉर्मल होगा या एक्सेस में आएगा, लेकिन मौनसून के 12 दिनों में ही ये तबाही चिंता का विषय है.