Shimla News: 1832 से पहले बने ऐतिहासिक बार्नेस कोर्ट भवन जो अब राजभवन है. इसे अब आम लोगों के लिए खोला जाएगा. बता दें, इस भवन में अंग्रेजों के शासनकाल में उनके कमांडर-इन-चीफ रहते थे. यह भवन ब्रिटिशर्स तकनीक से बना हुआ है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजभवन में घूमने के लिए सैलानियों को टिकट लेकर आना होगा. विदेशी नागरिकों को 100 रुपये, बाहरी राज्यों के लोगों को 50 और प्रदेशवासियों को 30 रुपये शुल्क देना होगा. स्कूल-कॉलेजों के माध्यम से आने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रवेश निशुल्क होगा. राजभवन में आने के लिए ऑनलाइन टिकट यहां पर सप्ताह में 2 दिन के लिए ही आम जनता के लिए खुलेंगे. 


राजभवन के दरवाजे शनिवार और रविवार को खुलेंगे. ऐतिहासिक पन्नों की झलक सैलानी देख पाएंगे.  बता दें, राजभवन के द्वार 2 बजे से शाम 5 बजे तक जनता के लिए खुले रहेंगे.  


राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल 15 अगस्त को राजभवन को अधिकारिक तौर पर आम जनता के लिए खोलने की घोषणा करेंगे और 19 अगस्त को इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. वहीं, राजभवन में लोगों को सैर सपाटा करवाने के लिए प्रशिक्षित गाइड रखने का फैसला लिया गया है.


वर्ष 1832 से पहले बने ऐतिहासिक बार्नेस कोर्ट भवन, जो अब राजभवन है.  अंग्रेजों के शासनकाल में उनके कमांडर-इन-चीफ रहते थे.इस भवन में पुरानी धज्जी दीवारें अंग्रेजों की तकनीक से बनी हैं.  वर्तमान धरोहर भवन राजभवन में दरबार हॉल देखने योग्य है. यहां अंग्रेजों के शासनकाल का बिलियर्ड्स टेबल और पियानो भी है. इसके अलावा प्राचीन कलाकृतियां और दुर्लभ वस्तुएं भी हैं.  इन चीजों को दिखाने के लिए राजभवन में कला दीर्घा बनाने की योजना है. राजभवन के बगीचे में रोपे गए पौधे और फूल भी आकर्षण का केंद्र हैं. 


भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं हुआ था शिमला समझौता
3 जुलाई 1972 को शिमला के राजभवन में भारत पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता हुआ था. 1972 की वह ऐतिहासिक कुर्सी मेज अभी तक यहां ऐतिहासिक प्रतीक के रूप में उन्हें संजोकर रखा हुआ है.  यह समझौता राजभवन के ग्राउंड फ्लोर में कीर्ति कक्ष मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वी पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच यह शांतिपूर्ण समझौता हुआ था, शिमला समझौते का उद्देश्य कश्मीर से जुड़े विवादों का आपसी बातचीत और शांतिपूर्ण ढंग से हल निकालना था, दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे रहें, इसके लिए कई कदम उठाने को लेकर दोनों देश राजी हुए थे.


कई महान हस्तियां शिमला के इस राजभवन का दीदार कर चुके हैं. राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेई, सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जैसी कई बड़ी महान हस्तियां इस राजभवन में ऐतिहासिक घटनाओं के प्रतीक को देख चुके है. अब तक जितने भी राष्ट्रपति रहे हैं वह सभी राजभवन का दीदार कर चुके हैं