Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश के रामपुर में बादल फटने के बाद वहां के हालात काफी गंभीर बने हुए है. एक ओर जहां इस प्राकृतिक आपदा में बड़ी संख्या में लोग लापता हुए हैं तो उन्हें ढूंढने के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चला हुआ है. वहीं इसी बीच मंडी से सांसद कंगना रनौत आज रामपुर पहुंची और वहां के हालातों का जायजा भी लिया. 


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कंगना ने क्या था? यहां पढ़ें: - Kangana Ranaut ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर भ्रष्टाचार के लगाए आरोप! कहा-केंद्र से मिली राहत राशि लोगों को नहीं मिली


इसी दौरान कंगना रनौत ने बीते वर्ष हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को 1800 करोड़ का पैकेज दिए जाने की बात कही है जिसपर हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजेश धर्मानी ने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा को लेकर नियमों के तहत 9 हजार करोड़ का क्लेम केंद्र सरकार के समक्ष रखा था, लेकिन आजतक उसमें से कुछ राहत राशि केंद्र द्वारा नहीं दी गयी है. जिसका प्रमाण केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजटीय भाषण से साफ होता है. 


जिसमें उन्होंने आपदा राहत कार्यों के लिए फंडिंग उलपब्ध करवाने की बात कही थी और अगर केंद्र सरकार ने प्रदेश को कोई सहायता राशि दी होती तो निर्मला सीतारमण उसका जिक्र जरूर करती. ऐसे में कंगना रनौत को केंद्रीय वित्त मंत्री से यह पूछना चाहिए की दोनों में से कौन सच कह रहा है और कौन झूठ.


साथ ही राजेश धर्मानी ने सांसद कंगना रनौत को नसीहत देते हुए कहा कि आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करते समय वह इस तरह के बयानबाजी करने के बजाए अपने संपर्कों का इस्तेमाल हिमाचल प्रदेश को केंद्र से विशेष राहत पैकेज दिलवाने में करें तो ज्यादा बेहतर होगा. 


वहीं उन्होंने प्रदेश के सभी सांसदों से प्रदेश के हितों में काम करने की अपील करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवार्ड बीबीएमबी का शेयर दिलाने, प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का एनपीएस का 9 हजार करोड़ रुपये केंद्र से वापिस दिलाना, जीएसटी का कंपनसेशन दिलाना, लगातार कम हो रही रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट को बढ़ाना, 16वें वित्त आयोग के तहत प्रदेश सरकार द्वारा रखी गयी डिमांडस पूरी करवाना, शानन पॉवर प्रोजेक्ट के तहत 100 सालों के लिए लीज पर दी गयी जमीन का लीज पीरियड पूरा होने पर उसे वापिस प्रदेश को दिलवाने जैसे कईं अहम मुद्दों हैं जिसको लेकर प्रदेश के भाजपा सांसदों को केंद्र सरकार के समक्ष रखकर प्रदेश के हित में काम करना चाहिए जिसके लिए प्रदेश की जनता ने उन्हें चुनकर लोकसभा में भेजा है. 


ग़ौरतलब है कि प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी भाषा एवं संस्कृति विभाग बिलासपुर द्वारा आयोजित डॉक्टर यशवंत सिंह परमार जयंती समारोह में पहुंचे थे, जहां उन्होंने जिला के सात महाविद्यालयों से आये विद्यार्थियों की भाषण प्रतियोगिता में विजेता व उपविजेता प्रतिभागियों को सम्मानित करने का काम किया है.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर