Nurpur News: हिमाचल प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं, जिनमें दिसंबर के बाद बारिश नहीं हुई है. लगभग साढ़े तीन महीनों से बारिश न होने के कारण जहां एक तरफ सुखी सर्दी का प्रकोप बढ़ा है तो जिससे सर्दी जुकाम तथा अन्य बीमारियों की मार पड़ रही है.


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तो दूसरी तरफ किसानों के चेहरे पर भी मायूसी छाई हुई है क्योंकि लंबा सूखा पड़ने से जमीन तथा हवा में नमी की मात्रा ना के बराबर है. ऐसे में गेहूं - जौ जैसी मुख्य फसलों की बिजाई नहीं हो पा रही है. साथ में किसानों द्वारा लगाई गई पनीरियां तथा छोटी पौध भी कोहरे व सुखे के कारण निर्जीव सी हो गई है. 


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इस विषय पर जब जसूर स्थित जाच्छ में हॉर्टिकल्चर केंद्र के सह निदेशक डॉ. विपिन गुलेरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस वर्ष नूरपुर व इसके आसपास के क्षेत्र में भयंकर सूखे की मार पड़ रही है.


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उन्होंने किसानों से गेहूं इत्यादि की फसल को थोड़ा इंतजार कर देरी से बीजने की सलाह दी है. साथ में जिन किसानों ने पौध इत्यादि लगा रखी है उन्हें भी सुखे तथा सर्दी वाले कोहरे से पौध को बचाने के टिप्स दिए हैं. उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने पौध लगा रखी है. वह उसके आसपास कोहरे से बचाव के लिए पानी की बौछार कर सकते हैं तथा पौध को ऊपर से ढक कर भी कवर कर सकते हैं. ताकि पौध सूखने से बच सके. 


रिपोर्ट- भूषण शर्मा, नूरपुर