Sankashti Chaturthi Vrat 2022: भगवान गणेश (Ganesh ji puja Vidhi) को विघ्नहर्ता कहा जाता है. भगवान गणेश हर कष्ट, संकट और विघ्न को हर लेते हैं. इसलिए हर काम से पहले, मांगलिक कार्यक्रमों से पहले उनकी पूजा करने का विधान है. ऐसे में भक्त अपनी संकटों को दूर करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करते हैं. शास्त्रों में भगवान गणेश की संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi Aaj) के व्रत का विधान है.  जिसका व्रत करने से हर संकट दूर हो जाते हैं. आज इस खबर में हम आपको इस व्रत के बारे में बताने जा रहे हैं. 


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बता दें, करवा चौथ के दिन संकष्टी चतुर्थी पड़ रही है. भारत के उत्तरी और दक्षणी राज्यों में संकष्टी चतुर्थी को त्योहार मनाया जाता है. चतुर्थी के दिन चंद्र के दर्शन होना काफी ज्यादा शुभ माना जाता है. यह व्रत चंद्रोदय के बाद ही यह व्रत पूर्ण होता है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. 


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इस दिन आपको सबसे पहले उठकर नहा लेना चाहिए. इसके बाद पूजा घर के ईशान कोण में एक चौकी रखें. उसपर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें और व्रत का संकल्प लें. फिर विधि-विधान के साथ गणेश की जो जल, अक्षत, चावल, पान, लड्डू और फूल चढ़ाएं. इसके बाद घी का एक दीपक जलाएं और गणेश जी की आरती उतारें.  


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