Shimla News in Hindi: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को बढ़ाते ट्रैफिक कंजेशन से निजात दिलाने के लिए सरकार रोपवे ट्रांसपोर्ट को डेवलप करने की दिशा में है. प्रोजेक्ट को डेवलप करने की जिम्मेदारी रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के कंधों पर है. इसको लेकर शुक्रवार को प्रदेश सचिवालय में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रेस वार्ता की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन के 1 साल के कार्यक्रम को लेकर कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने संभाला मोर्चा


इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने इस ट्रांसपोर्ट सिस्टम के बारे में जानकारी दी. साथ ही कहा कि यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे प्रोजेक्ट होने वाला है. जो भारत समेत कई देशों के लिए उदाहरण बनेगा.


उन्होंने बताया कि शिमला में यह रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है. यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट होगा. मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इसको लेकर सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई है. हालांकि अभी वन विभाग से क्लीयरेंस ली जा रही है. 


मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि 1,555 करोड़ की लागत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा. जिसमें 13.79 किलोमीटर लंबा रोपवे का जाल शिमला में बिछाया जाएगा.  इस पूरे रोपवे सिस्टम में 13 स्टेशन होंगे. इसके अलावा शुरुआती चरण में इस सिस्टम में 222 कैबिन लगाए जाएंगे और कंप्लीट स्टेज पर 660 केबिन होगें. 


प्रत्येक कैबिन में 8 से 10 लोगों की ले जाने की क्षमता होगी. वहीं 2 से 3 मिनट के भीतर स्टेशन पर लोगों के लिए केबिन उपलब्ध हो जाएगा. प्रोजेक्ट ppp मोड पर न्यू डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से बनाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश सरकार की भी इसमें हिस्सेदारी है और जल्द ही शुरुआत कर दी जाएगी.