धर्मशाला में हिमालय में भूगोल, आपदा प्रबंधन और स्थिरता: समाधान और चुनौतियों विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का होगा आयोजन
Dharamshala News: हिमालय में भूगोल, आपदा प्रबंधन और स्थिरता: समाधान और चुनौतियों विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 16-17 अक्टूबर को धर्मशाला कालेज में किया जा रहा है
Dharamshala News: हिमालय में भूगोल, आपदा प्रबंधन और स्थिरता: समाधान और चुनौतियों विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 16-17 अक्टूबर को धर्मशाला कालेज में किया जा रहा है, जिसमें देश भर के विशेषज्ञ व शोधार्थी जुटकर मंथन करेंगे.
धर्मशाला कालेज के प्रिंसिपल प्रो. राकेश पठानिया ने बताया कि धर्मशाला कालेज, भौगोलिक सोसायटी ऑफ हिमाचल प्रदेश (जीएसएचपी) के सहयोग से कालेज का भूगोल विभाग राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करवा रहा है. उन्होंने बताया कि हमारे लिए यह बड़े हर्ष का विषय है. हमें मेजबानी करने का अवसर मिला हैं.
इस संगोष्ठी में वित्त पोषण: भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार, नई दिल्ली का रहेगा. प्रो. पठानिया ने बताया कि संगोष्ठी का उद्देश्य जेएनयू, डीयू नई दिल्ली, पीयू चंडीगढ़, पुणे विश्वविद्यालय, एचपीयू शिमला, जम्मू विश्वविद्यालय, सीयूपी भटिंडा, एमडीयू रोहतक, केयू कुरुक्षेत्र आदि सहित देश के सभी हिस्सों से शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और चिकित्सकों को एक साथ लाना है ताकि हिमालयी क्षेत्र में आपदा प्रबंधन और स्थिरता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जा सके.
यह कार्यक्रम चुनौतियों की पहचान करने और इस पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं से जुड़े जोखिम को कम करते हुए सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए अभिनव समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करेगा. सेमिनार में मुख्य भाषण, पैनल चर्चा, पेपर प्रस्तुतियां और इंटरैक्टिव सत्र होंगे, जो प्रतिभागियों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान और नेटवर्किंग के लिए एक मंच प्रदान करेंगे.
संगोष्ठी के दौरान हिमाचल प्रदेश भौगोलिक सोसायटी की वार्षिक बैठक भी आयोजित की जाएगी, जो इस क्षेत्र के भौगोलिक समुदाय के लिए इस सम्मेलन के महत्व को और बढ़ाएगी. इस संगोष्ठी में देशभर के कोने-कोने से शिक्षाविद्वान, वैज्ञानिक और शोधार्थी. इसमें बढ़ चढकर भाग लेंगे. साथ ही अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे बाद में रिपोर्ट बनाकर एडिटिट्ड पुस्तक प्रकाशित की जाएगी और रिपोर्ट प्रदेश सरकार और भारत सरकार को सौंपी जाएगी.
रिपोर्ट- विपिन कुमार, धर्मशाला