Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश में काफी समय से बारिश ना होने के चलते सूखे जैसे हालात बने हुए हैं. दिसंबर का महीना चल रहा है, लेकिन अभी तक बरसात ना होने से जहां एक ओर किसानों को अपनी फसल के लिए पर्याप्त सिंचाई सुविधा नहीं मिल पा रही है तो साथ ही पहाड़ी इलाकों में धुंध की मार देखने को मिल रही हैं.


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वहीं, हिमाचल प्रदेश में सूखे के हालातों को दूर करने व जल्द बारिश होने की कामना करते हुए बिलासपुर स्थित शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में भगवान वीरभद्र की मूर्ति को माता रानी के चरणों में रखा गया है ताकि जल्द ही बारिश हो सके और लोगों को सूखे से निजात मिल सके. 


प्राचीन मान्यता अनुसार, देवभूमि हिमाचल प्रदेश में जब-जब बारिश नहीं होती और सूखे जैसे हालात बनना शुरू होते हैं. तब बिलासपुर स्थित विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में पुजारी वर्ग द्वारा भगवान वीरभद्र जी के पिंडीरूप को शिव मंदिर से बाहर लाकर मंदिर की परिक्रमा करने के बाद माता रानी के चरणों में स्थापित किया जाता हैं, जिसे पूरा करते हुए पुजारी वर्ग ने आज भगवान वीरभद्र की मूर्ति शिला को बाहर माता के चरणों में रख दिया हैं. 


वहीं युगों से चली आ रही प्राचीन परंपराओं के मुताबिक आज सर्वप्रथम भगवान वीरभद्र जी के पिंडी रूप को मंदिर की परिक्रमा करवाई गई और फिर माता रानी के चरणों में स्थापित कर दिया गया. ताकि प्रदेश में जल्द से जल्द बारिश हो सके और जो काफी समय से प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा हो रहे हैं. उससे राहत मिले सके. 


नैनादेवी मंदिर के पुजारी विनोद कुमार का कहना है देवभूमि हिमाचल प्रदेश में सदियों से यह मान्यता है की जब भी काफी समय तक बारिश ना हो और सूखे जैसे हालात बन जायें तो उनके बुजुर्ग भगवान वीरभद्र जी की मूर्ति को उठाकर बाहर माता रानी के चरणों के पास रख देते थे और कुछ दिनों में बारिश शुरू हो जाती थी. 


वहीं इस बार भी प्रदेश में हालत कुछ ऐसे ही बने हुए हैं कि काफी समय से बारिश ना होने के चलते प्रदेश वासियों को सूखे की मार झेलनी पड़ रही है, जिसे देखते हुए इस प्राचीन परंपरा को कायम रखते हुए पुजारियों द्वारा आज भगवान वीरभद्र जी की मूर्ति शिला को माता रानी के चरणों में रखकर मां नैनादेवी और भगवान शिव से प्रार्थना की गई कि जल्द बारिश शुरू हो जाए और लोगों सूखे से राहत मिल सके.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर