Paonta Sahib के चूड़धार में 12 हजार फुट की ऊंचाई पर आयोजित होगा शांत महायज्ञ, जानें डेट
Paonta Sahib News: चूड़धार में 11 अक्टूबर को शांत महायज्ञ आयोजित होगा. वहीं, आयोजन में 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है.
Paonta Sahib News: सिरमौर जिले की सबसे ऊंची चोटी 12 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित शिरगुल महाराज की तपोस्थली चूड़धार में शांत महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. 11 अक्टूबर को आयोजित हो रहे महायज्ञ में 53 साल बाद शिरगुल महाराज मंदिर पर कुरूड़ चढ़ाया जाएगा.
ऐतिहासिक आयोजन में 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. सिरमौर और शिमला जिला प्रशासन मंदिर समिति के साथ मिलकर आयोजन की तैयारियों में जुटा है. बेहद ठंडी चूड़धार चोटी पर श्रद्धालुओं की आमद शुरू हो गई है.
भगवान शिव के पवित्र धाम और श्री गुरु महाराज की तपोस्थली चूड़धार में शांत महायज्ञ की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. बताते चलें कि चूड़धार तीर्थ शिमला, सोलन, सिरमौर, जिलों के साथ-साथ उत्तराखंड के जौनसार क्षेत्र के लोगों की आस्था का मुख्य केंद्र है.
यहां शांत महायज्ञ के आयोजन को लेकर श्रद्धालु बेहद उत्साहित है. लगभग 12 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित बेहद ठंडे मौसम के बावजूद यहां श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है. शांत महायज्ञ की खास बात यह है कि शिरगुल महाराज के मंदिर पर 53 साल बाद कुरूड़ चढ़ाया जाएगा. इस महापर्व पर 25,000 से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में प्रशासन ने व्यापक स्तर पर इंतजाम किए हैं. साथ ही आने वाले श्रद्धालुओं को गाइडलाइन भी जारी की गई है.
सर्दी का मौसम होने के चलते हैं श्रद्धालुओं को गर्म कपड़े और कंबल आदि लाने की आग्रह किया गया है. साथ ही बुजुर्गों और बच्चों को तीर्थ पर नहीं आने की भी सलाह दी गई है. आयोजन को लेकर एसडीएम संगडाह ने चूड़ेश्वर सेवा समिति इकाई नोहरा धार के साथ नोहराधार में बैठक का आयोजन किया. इस बैठक में शांत महायज्ञ को लेकर चर्चा की गई.
एसडीएम संगडाह सुनील कायथ ने जानकारी देते हुए बताया कि चूड़धार पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है. उन्होंने बताया की नोहराधार से तीसरी नामक जगह तक बेस कैंप बनाए जाएंगे और जगह-जगह पर पुलिस के जवान तैनात किए जाएंगे ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि जो श्रद्धालु समय रहते चूड़धार के लिए यात्रा शुरू करें क्योंकि सर्दियों का समय है और अंधेरा जल्दी हो जाता है. श्रद्धालु स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें और प्लास्टिक का उपयोग न करें. अस्वस्थ और बच्चे, बजुर्ग इस दौरान यात्रा करने से परहेज करें.
रिपोर्ट- ज्ञान प्रकाश, पांवटा साहिब