शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में पानी की समस्या विकराल बनती जा रही है. शहरवासियों को 3-4 दिन बाद पीने का पानी दिया जा रहा है. शिमला में शहरी एवम ग्रामीण इलाकों में भी लोग पानी न मिलने के कारण परेशान है. शहर में इस तरह का जल संकट पहले भी आ चुका है. पर्यटन के लिहाज से यह पीक सीजन चल रहा है और इस तरह की दिक्कत होने की वजह से व्यापार पर भी खासा प्रभाव देखने को मिल सकता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


गर्मियां शुरू होते ही बढ़ने लगा जल संकट


शिमला जल प्रबंधन निगम के 24 घंटे शहर में पानी देने के दावे पूरी तरह हवा हो गए हैं. गर्मियां बढ़ने के साथ ही पीने के पानी की समस्या भी विकराल रूप धारण कर रही है. शहर के क्षेत्रों में 3-4 दिन बाद पानी की सप्लाई दी जा रही है. लोग बावड़ियों से गंदा पानी पीने को मजबूर हो गए हैं. शिमला शहर की हर रोज की पानी की जरूरत 50 MLD है. जबकि शहर में 40 MLD पानी ही आ पाता है. लेकिन आजकल मात्र 36 MLD पानी ही मुख्य स्रोतों से आ रहा है. 


 


 


फिर शुरू हुई पानी की राशनिंग


शिमला शहर में पिछले लगभग महीने भर से पानी की राशनिंग हो रही है. शहर के विकास नगर, खलीनी, संजौली, टूटू सहित कई क्षेत्रों में 3-4 दिन बाद पानी की सप्लाई दी जा रही है. शिमला में पानी की किकल्ल के चलते लोग परेशान हो रहें है और विरोध भी जता रहें है. 


 


विपक्ष का सरकार पर हमला


पानी की समस्या बढ़ती देख विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है. पांच साल पहले सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने शिमला शहर में 24 घंटे पानी देने का वायदा किया था, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है. सरकार का तंत्र पूरी तरह से फेल हो गया है. कांग्रेस पार्टी ने साफ कह दिया है कि, अगर समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया तो पार्टी सड़कों पर उतरेगी.


 


क्या है शिमला जल प्रबंधन निगम का कहना 


शिमला जल प्रबंधन निगम के जनरल मैनेजर (ऑपरेशन) आर.के. वर्मा से जब पूछा कि शिमला में पानी की किल्लत क्यों बनी हुई है तो उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण मुख्य स्त्रोत में पानी कम हो गया है. 


परिणामस्वरूप पानी की सप्लाई में कमी आ रही है. 2018 में शिमला में पानी की भारी किल्लत के बाद पानी का जिम्मा नगर नियम शिमला से लेकर नई कंपनी बनाकर शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (SJPNL) को सौंप दिया गया था, लेकिन पानी की समस्या अभी भी बनी हुई है और अब SJPNL भी इसका समाधान नहीं कर पा रही है. 


 


भारत एकता मिशन के अध्यक्ष का विरोध प्रदर्शन


भीम आर्मी भारत एकता मिशन के अध्यक्ष रवि दलित ने आज नगर निगम शिमला के बाहर खाली घड़ा लेकर विरोध प्रदर्शन किया. शिमला शहरी विधायक और शहरी विकास मंत्री को रवि भीम आर्मी ने अल्टीमेटम दिया है की 24 घंटों में पानी की दिक्कत नहीं ठीक होती है तो , मंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा. रवि दलित ने सरकार पर आरोप लगाया है कि पानी लोगों को छोड़ होटलियर्स को दिया जा रहा है. 


 


मेयर ने आरोपों से किया इनकार


शिमला की मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंचे उसके प्रयास किये जा रहे हैं. प्रयास यही किए जा रहे हैं लोगों को परेशानी न हो. लोगों के आरोपों पर मेयर ने कहा की ‘होटीलियर्स को निगम किसी भी तरह से एक्स्ट्रा पानी नहीं दे रहा है ये इल्जाम निराधार हैं, यदि ऐसा है तो वो सबूत सहित बात करें’.