शिमला: हिमाचल के करीब 40 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों को सोमवार को बड़ा आश्र्वासन मिला है. अब आउटसोर्स कर्मचारियों का मसला कैबिनेट में जाएगा. अगले महीने यानी की सितंबर में होने वाली बैठक में इसपर चर्चा होगी. बता दें, यह आश्र्वासन जलशक्ति विभाग के मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने दिया है. इस विषय पर सोमवार को करीब 20 मिनट तक आउटसोर्स के पदाधिकारियों के साथ मंत्री ने चर्चा की थी.  उन्होंने ने कहा कि हर सुझावों पर विचार किया जाएगा. 


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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों के मामले को राज्य सरकार के सामने भी रखा जाएगा. बता दें, आउटसोर्स कर्मचारी लंबे समय से स्थायी नीति की मांग कर रहे हैं. इसके लिए कर्मचारियों ने विधानसभा के बजट सत्र में बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया था. इस प्रर्दशन के दौरान राज्य भर के कर्मचारी विधानसभा पहुंचे थे और सीएम जयराम ठाकुर से मुलाकात की थी. उस वक्त कमेटी गठित करने का आश्र्वासन दिया गया था. 


ऐसे में जलशक्ति मंत्री ने इसकी अगवाई करते हुए कमेटी का गठन किया. यह कमेटी कई बैठकों का आयोजन कर चुकी है और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने पर विचार-विमर्श भी कर रही है. सोमवार को हुई मीटिंग में आउटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार को दो टूक चेतावनी दे दी है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह बड़े आंदोलन शुरू कर देंगे, लेकिन अब मंत्रिमंडल की आगामी बैठक तक सभी विरोध प्रर्दशनों को फिलहाल के लिए टाल दिया गया है. 


अब आउटसोर्स कर्मचारी सितंबर में कैबिनेट की बैठक का इंतजार कर रहे हैं. इस बैठक में प्रस्ताव आने के बाद ही आगामी फैसला लिया जाएगा. आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि बैठक बेहद शांति माहौल में हुई है. इस दौरान आउटसोर्स कर्मचारियों ने अपनी व्यथा सामने रखी. उन्होंने बताया कि मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने उनकी बात को सुना और यह आश्वासन दिया है कि आगामी कैबिनेट में इस बारे फैसला लिया जाएगा


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