Shimla News: प्रदेश में हर दिन नशा तस्कर जहां पैर पसारने का प्रयास कर रहे हैं. वही नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस ने बड़े पैमाने पर मुहिम छेड़ रखी है. शिमला जिले में नशे के कारोबार का सफाया करने के लिए शिमला पुलिस पिछले 18 महीना से नशे के कारोबार में संयुक्त लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है.


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शिमला पुलिस ने गत 18 माह में नशे के कारोबार में लगभग 1000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा 650 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं.  नशे के कारोबार में संलिप्त आरोपियों की प्रॉपर्टीज को भी सीज किया जा रहा है. इसी कड़ी में शिमला पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है और एक बड़े ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है. 


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पुलिस ने सेब व्यापारी जो कई वर्षों से ड्रग का कारोबार चला रहा था. यह आरोपी इतना शातिर था कि 
कभी भी खुद किसी भी साझेदार के साथ सीधे संपर्क में नहीं आते थे. डिलीवरी करने वाला व्यक्ति ड्रग को एक अलग स्थान पर रखता और खरीदार को वहां से उठाने के लिए एक वीडियो साझा करता था. पैसे भी अलग-अलग खातों से होते हुए आरोपी के खाते में पहुंचते थे.


पिछले 15 महीनों में आरोपियों के बैंक खातों में ढाई से तीन करोड़ रुपये के फंड फ्लो का भी पता चला है. जानकारी के मुताबिक, इसके दिल्ली में नाइजीरियन ड्रग गैंग और हरियाणा के अन्य गैंग के साथ संपर्क था. कश्मीर में भी कुछ लोगों के साथ संपर्क था.


उसने इस रैकेट को इतनी कड़ियों में बांट रखा था कि उसे यकीन था कि पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकती है, लेकिन 20 सितंबर को उसे उस वक्त झटका लगा जब पुलिस ने शिमला में इस साल की सबसे बड़ी ड्रग्स की जब्ती की. पुलिस को इस दौरान 465 ग्राम चिट्टा मिला.


शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने जानकारी देते हुए बताया कि सब डिवीजन ठियोग और सब डिवीजन रोहड़ू में शशी नेगी शाही महात्मा के नाम से एक गैंग चल रहा था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है. 


एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि अब तक इसकी गैंग के करीब 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और आने वाले समय में और गिरफ्तार होने की संभावना है. फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है और इसमें और खुला से होने की भी संभावना है. उन्होंने बताया कि आरोपी नशे के इस कारोबार को चलाने के लिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करता था.


उन्होंने बताया कि शशी नेगी सेब का एक व्यापारी है और बड़ी चालाकी के साथ पिछले 5-6 सालों से यह ड्रग्स का एक पूरा रैकेट चला रहा था. आरोपी पूरा रैकेट व्हाट्सएप के जरिए चलाता था, लेकिन डिलीवरी करने वाले शख्स और और नशा खरीदने वाला व्यक्ति कभी एक-दूसरे से नहीं मिलते थे. ड्रग्स की मांग व्हाट्सएप पर होती थी.