Mahashivratri: शिवरात्रि से ठीक एक माह पहले मंडी में बाबा भूतनाथ मठ मंदिर में घृत मंडल श्रृंगार की रस्में शुरू हो जाती हैं. इस वर्ष आज तारा रात्रि की मध्य रात्रि को बाबा भूतनाथ का घृत मंडल के रूप में श्रृंगार किया जा रहा है.  बता दें रोजाना 21 किलो मख्खन से अधिक मख्खन से बाबा भूतनाथ का अलग अलग रूपों में श्रंगार किया जाता है. 


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मंदिर के पुजारी दयानंद सरस्वती मंहत ने बताया कि बाबा भूतनाथ के शिवरात्रि महोत्सव तक लोगों को अलग अलग रुपों में दर्शन करने को मिलेंगे, लेकिन इस दौरान बाबा का जलाभिषेक नहीं किया जाता है. बाबा के श्रंगार के दर्शन करने के लिए सुबह से ही शिवभक्तों का मंदिर में आना जाना लगा रहता है. 


उन्होंने बताया कि बाबा के अलग अलग श्रंगार में देश के शिवालयों की झलक दिखाई जाएगी.  मंहत ने बताया कि आज पूरा महादेव के रूप में बाबा भूतनाथ का श्रृंगार किया गया है और पूरा महादेव का इतिहास रहा है, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि काफी पहले मेरठ में पूरा महादेव मंदिर में कजरी वन हुआ करता था.  इसी वन में जमदग्नि ऋषि अपनी पत्नी रेणुका सहित अपने आश्रम में रहते थे. 


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रेणुका प्रतिदिन कच्चा घड़ा बनाकर हिंडन नदी से जल भर कर लाती थी. वह जल शिव को अर्पण किया करती थी. हिंडन नदी, जिसे पुराणों में पंचतीर्थी कहा गया है और हरनन्दी नदी के नाम से भी विख्यात है.  उन्होंने कहा कि इन श्रंगार से लोगों देश के शिवालयों से अवगत करवाया जा रहा है. 


रिपोर्ट- कोमल लता, मंडी