नाहन: सीटू का जिला स्तरीय सम्मेलन आज नाहन में आयोजित हुआ. सम्मेलन में जिला सिरमौर के मजदूरों को आ रही समस्याओं पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया. सम्मेलन में मजदूरों को लामबंद कर उनकी समस्याओं को लेकर संघर्ष करने पर भी प्रस्ताव पारित हुए.


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वहीं, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर व मिड डे मील कर्मियों को आ रही समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई. सीटू के राज्य सचिव राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि जिला सिरमौर में 1.70 लाख से ज्यादा मजदूर कार्यरत हैं . उनकी नोकरी व उनके जीवन से जुड़ी जो समस्याएं हैं उन पर चर्चा की गई.


देश व प्रदेश की सरकार लगातार मजदूरों के कानूनों व उनके अधिकारों को छीन रही है, जिसके खिलाफ मजदूरों को किस तरह लामबन्द करना हैं और संगठन को मजबूत करना हैं पर सम्मेलन में विस्तार से चर्चा की गई. 


उन्होंने कहा कि सम्मेलन में प्रस्ताव भी पारित किए गए हैं कि जिस तरह से सरकार ने 44 श्रम कानून समाप्त कर 4 लेबर कोर्ट लाए हैं उन्हें वापिस कर श्रम कानूनों को बरकरार रखा जाए. मजदूरों को न्यूनतम वेतन ₹21 हजार रुपए दिया जाए.


उन्होंने कहा कि सम्मेलन में आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा वर्करों को स्थाई करने की भी मांग उठाई गई. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का भी हाल ही में फैसला आया है कि आंगनबाड़ी वर्कर को स्थाई किया जाए, ऐसे में सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द उक्त फैसले को लागू करें.


इसके अलावा मनरेगा के तहत मजदूरों को 200 दिन का काम मिलें और 350 रुपय से ज्यादा दिहाड़ी मजदूरों को दी जाए. उन्होंने कहा कि जिले में उद्योगों में कार्य करने वाले मजदूरों के लिए ईएसआई हॉस्पिटल व लेबर हॉस्टल की सुविधा जल्दी दी जाए ताकि मजदूरों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े.